देवघर (झारखण्ड):
समाज में बढ़ती हिंसा तथा अपराध एक चिंतनीय विषय है । नैतिक शिक्षा के द्वारा अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। नैतिक शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय अपराधों के मूल कारण है | इसलिए अपराध मुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा की आवश्यक है। हम विकसित देशो के लाइन में जाने की कल्पना कर रहे है | देश को विकसित बनाने में लगे हुए है लेकिन समाज में हो रहे युवा के द्वारा अपराध जिसे भावी समाज, देश व विश्व की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अगर भावी समाज को अपराध मुक्त बनाना चाहते है तो वर्तमान के युवाओं को नैतिक शिक्षा द्वारा अपराधमुक्त , संस्कारित और सशक्त बनाने की आवश्यकता है |उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहीं ।
· स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र देवघर झारखण्ड द्वारा
· वे गीता देवी डी. ए. व्ही. पब्लिक स्कुल, भण्डारकोला में अपराधमुक्त समाज हेतु नैतिक शिक्षा की आवश्यकता विषय पर बोल रहे थे |
भगवान भाई ने कहा कि कुसंग, व्यसन, सिनेमा , मोबाईल और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है। इन्हीं कारणों से वर्तमान समय अपराध बढ़ते जा रहे हैं। काम, क्रोध, लोभ , मोह ,अंहकार , इर्ष्या, नफरत आदि मनोविकारो के वश होने से अपराध होते है | उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा द्वारा इन विकारो पर सयम कर अपराध मुक्त बन सकते है | नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिकता से ही युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सकती है। नैतिक शिक्षा से ही मानवीय मन में रचनात्मक और सकारात्मक चेतना का विकास होता है।
भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से समाज में फैली हुई घृणा, नफरत, बैर विरोध और अहंकार को नष्ट किया जा सकता है। शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि चरित्रवान बनना, विकार, व्यसन, नशा और बुराइयों से स्वयं को मुक्त करना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होना जरुरी है। जो ज्ञान, अज्ञान रूपी अंधकार से ज्योति या प्रकाश की ओर असत्य से सत्य की ओर ले जाए वहीं सच्चा ज्ञान है । जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता, सहनशीलता, आदि सदगुण नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है।
· समाजसेवी ताराचंद जैन जी ने बच्चो को सुनी हुए बातो को अमल में लाने कि अपील किया | उन्होंने कहा अपने संस्कारों से माता पित़ा का नाम रोशन करना अपने देश का नाम रोशन करना |
· प्रिंसिपल श्री बलराम झा जी ने ऐसे कार्यक्रम की सहराना किया और कहा ऐसे कार्यकर्म युवा को सशक्त बनाकर अपराध मुक्त समाज बन सकता है |
· चितरंजन ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की प्रभारी बी के अनिता बहन जी ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय दिया |उन्होंने सभी बच्चो को चरित्रवान बनने कि अपील किया |
· स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र कि प्रभारी बी के रीता बहन जी ने कहा आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा ही नैतिक मूल्य आ सकते है | आध्यात्मिक ज्ञान कि परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वयं का आत्मा निश्चय कर मन और बुध्दी से परमात्मा को याद करना , परमात्मा के गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है |
· सीनियर शिक्षक शनियो पतंदी जी ने ने बी के भगवान भाई जी का परिचय देते हुए कहा कि भगवान भाई जी ने 2010 तक 5000 स्कुलो और 800 जेलों में नैतिक शिक्षा और सकारात्मक चिन्तन , अपराध मुक्त का पाठ पढ़ाकर अपना नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स दर्ज करा चुके है |
· चार्टर एकाउंटेडट सुनील सुल्तानिया जी ने भी अपनी शुभ कामनाये बच्चो को दिया |
· कार्यक्रम में बी के अमर भाई और सभी शिक्षक उपस्थित थे |
· कार्यक्रम के अंत में बी के भगवान भाई जी ने अपराध मुक्त बनने एवं मन को एकाग्र करने हेतु राजयोग मेडिटेशन कराया |


