हम वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप चाहते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में: केंद्रीय राज्यमंत्री नाईक
– नाईक बोले- विदेशी टूरिस्टों के साथ हम सभी संस्कारित और मूल्यनिष्ठ व्यवहार करें ताकि वह भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं
– ब्रह्माकुमारी संस्था के शिपिंग, एविएशन, टूरिज्म विंग का तीन दिवसीय सम्मेलन मनमोहिनीवन में जारी
– दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन जारी
आबू रोड,राजस्थान । ब्रह्माकुमारीज के मनमोहिनीवन, ग्लोबल ऑडिटोरियम में चल रहे शिपिंग एविएशन टूरिज्म विंग के राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने शिरकत की। सोमवार को सम्मेलन में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा को याद करके, योगी बनके जीवन को अंतिम मार्ग, मोक्ष मार्ग पर ले जाने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है। यहां से दुनिया को एक नया मार्ग दिखाया जा रहा है। संस्था के ब्रह्माकुमार भाई-बहनें समाज में जाकर दुर्व्यसन दूर करने का कार्य कर रहे हैं। आज हमारी कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए जो संस्कार हमारी नई पीढ़ी में, बच्चों में आना चाहिए वह नहीं आ रहे हैं। क्योंकि हम उन्हें संस्कार तो देना चाहते हैं लेकिन वैसा व्यवहार हम खुद नहीं करते हैं। एक अच्छे समाज और संस्कारों के निर्माण का काम ब्रह्माकुमारीज द्वारा किया जा रहा है। यहां से परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है। भारत एक धार्मिक देश के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां अनेक साधु-संत, महात्मा हुए। 75 साल में जितना विकास होना चाहिए, उतना अभी हुआ नहीं है। हम चाहते हैं कि वीर शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जी जैसे योद्धाओं, महापुरुषों का जन्म होना चाहिए लेकिन मेरे घर में नहीं, पड़ोसी के घर में होना चाहिए। इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा। सम्मेलन का आयोजन दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर किया जा रहा है।
ताकि लोग भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं…
राज्यमंत्री नाईक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसी से प्रभावित होकर दुनियाभर से लाखों लोग हर वर्ष यहां की संस्कृति देखने और जानने के लिए आते हैं। इसलिए टूरिज्म मंत्रालय का प्रयास है कि जो भी टूरिस्ट विदेश से आते हैं तो वह यहां की अच्छी छवि लेकर जाएं। इसके लिए हम सभी को उनके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। उन्हें अच्छी सेवा देना होगी। भारत के जो संस्कार हैं, मूल्य हैं, वैसा व्यवहार करना होगा। हमारे यहां सभी धर्म के लोग आपस में शांति, प्रेम से रहते हैं, यही हमारे देश की विशेषता है। अनेकता में एकता ही हमारी संस्कृति रही है। हमारा देश विश्वगुरु था। लेकिन कई कारणों से हम परतंत्र हो गए। भारत की संस्कृति को फिर से स्थापित करने का कार्य ब्रह्माकुमारीज संस्था कर रही है।
स्वयं पर स्वयं दया और कृपा करें-
शिविंग, एविएशन एवं टूरिज्म विंग की अध्यक्षा डॉ. बीके निर्मला ने कहा कि दुनिया में सभी चाहते हैं कि हमारे संपर्क में जो भी आएं वह हमें दया और करुणा से देखें। सभी चाहते हैं कि हमारी अच्छी तंदुरुस्ती हो, धन हो, सब राजी रहें। हमें सबसे पहले अपने ऊपर दया करनी है। स्वयं को स्वयं पर दया और कृपा करनी है। हेल्थ के लिए जैसे एक्सरसाइज जरूरी है, वैसे ही आंतरिक खुशी के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। जीवन में कमाना है तो दुआओं का धन कमाएं। संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि सदा सत्य बोलें, स्पष्ट बोलें, सच्चाई के साथ बोलें। भारत में ही भगवान आते हैं। भारत में सभी नदियों के नाम माताओं, मातृशक्ति के नाम पर हैं।
विंग द्वारा चलाया जा रहा है मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट-
विंग की उपाध्यक्ष बीके मीरा ने कहा कि हमारे भारत देश की संस्कृति बहुत उच्च है। यहां के लोग बहुत दयालु, सौम्य और सेवाभावी हैं। यहां सभी त्योहार लोग मिलजुलकर मनाते हैं। भारत की संस्कृति अतिथि देवो भव: की है। हमारी संस्कृति है अहिंसा और वसुधैव कुटुम्बकम वाली महान संस्कृति रही है। आज भले इसमें परिवर्तन आ गया है लेकिन अब फिर से परमात्मा पुन: दैवी संस्कृति की स्थापना कर रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमने भारत देश में जन्म लिया है। विंग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कमलेश ने कहा कि परमात्मा कहते हैं तेरा सो तेरा मेरा भी तेरा। लेकिन आज हमारी संस्कृति बदल गयी है। भारत देश भूमि थी। देवता अर्थात देने वाला। भारत ने हमेशा दूसरे देशों को दिया है। विंग द्वारा मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसका मकसद है भारतीय संस्कृति की प्राचीन परंपरा से लोगों को अवगत कराना है।
बीके सतीश का केंद्रीय मंत्री ने किया सम्मान-
इस दौरान राज्यमंत्री नाईक ने मधुर वाणी ग्रुप के अब तक छह हजार से अधिक गीत लिख चुके बीके सतीश भाई का शॉल ओढ़ाकर और मोमेंटो प्रदान कर सम्मान किया। संचालन बीके संगीता ने किया। आभार व्यक्त करते हुए विंग के मुख्यालय संयोजक बीके संतोष ने भारतीय संस्कृति के पुन: धरा पर लाने के लिए ब्रह्माकुमारी के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।