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अंबिकापुर: पूर्व उपमुख्यमंत्री टी, एस सिंह देव ने किया शिव जयंती आध्यात्मिक मेले का अवलोकन

आध्यात्मिक ज्ञान से होगा जीवन में सुख शांति टी, एस,सिंह देव
पूर्व उपमुख्यमंत्री टी, एस सिंह देव ने किया शिव जयंती आध्यात्मिक मेले का अवलोकन

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय चोपड़ा पारा अंबिकापुर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष में ब्रह्मा कुमारीज के द्वारा लगाए गए शिव आध्यात्मिक मेला में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सरगुजा महाराज टी एस सिंह देव जी ने महाशिवरात्रि  में लगे दिव्य प्रदर्शनी मेला  का अवलोकन किया तथा झंडा रोहण कर वहां उपस्थित  सभी भाई बहनों को इस पावन पर्व की शुभकामनाएं दी ।झांकी की महिमा करते हुए उन्होंने बताया कि मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा शांति कि अनुभूति हुई । यहां के सारे दृश्यों को विद्या बहन ने बहुत अच्छे तरीके से समझाया, यहां लगे झांकी के हर दृश्य में ज्ञान का भंडार समया हुआ है। आगे उन्होंने सभी भाई बहनों से भी आग्रह किया कि वह भी यहां आए और  ज्ञान अर्जन कर अपने मन को सुख शांति से भरपूर करें तथा अपने जीवन को और भी सफल बनाए साथ में सफी अहमद जी ने भी झांकी का अवलोकन किया। आगे सरगुजा संभाग की मुख्य संचालिका विद्या दीदी जी ने महाशिवरात्रि का अर्थ बताते हुए कहां की महाशिवरात्रि का यह पर्व हमारे लिए सबसे बड़ा त्यौहार है क्योंकि हम अपने पिता की जयंती मना रहे हैं दुनिया में सभी भक्त आज के इस दिन को बड़े ही भक्ति भाव से मनाते हैं।  महाशिवरात्रि के साथ जो रात्रि शब्द जुड़ा है इसका अर्थ है अंधकार किसी के भी जन्मदिन को जन्म रात्रि नहीं कहा जाता जन्मदिन कहा जाता है लेकिन केवल शिव के साथ ही रात्रि क्यों जुड़ा है क्योंकि रात्रि का अर्थ होता है अंधकार अंधकार का मतलब है अज्ञानता का अंधकार आज वर्तमान समय मनुष्य आत्माएं काम, क्रोध, लोभ ,मोह, अहंकार, ईर्ष्या द्वेष से लिप्त हो चुके हैं और इस समय में ही जब कलयुग का अंत और सतयुग की आदि का समय है तब ज्ञान सूर्य परमात्मा स्वयं इस धरा पर आकर अपने दिव्य ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान का अंधकार समाप्त कर ज्ञान की ज्योति जगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाया जाता है इसका अर्थ है परमात्मा जब इस धरा पर आते हैं तो ब्रह्मा के द्वारा स्थापना विष्णु के द्वारा पालन तथा शंकर के द्वारा विनाश का कर्तव्य कराते हैं । आगे उन्होंने बेर अंक धतूरा के विषय में बताया और कहां कि परमात्मा हमसे और कुछ नहीं लेते लेकिन केवल कहते हैं मेरे बच्चों तुम अपनी बुराइयाँ कमजोरी और विषय विकारों को मुझ पर अर्पण कर दो तो अब केवल पूजा अर्चना ही नहीं करें लेकिन उनके गुणों को अपने अंदर धारण करें और अपनी  बुराइयों को उनको अर्पण करें। इसके पश्चात महाशिवरात्रि के उपलक्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ झंडा रोहण किया गया तथा केक कटिंग कर मनाया गया  उपलक्ष में सैकड़ो भाई बहने उपस्थित रहे। विद्या दीदी ने बताया की क्या झांकी 2 मार्च तक रखी गई है।

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