रिश्तों को सुधारने के लिए आत्मिक भाव जरूरी – बीके शिवानी
– व्यापार के लिए आध्यात्मिक समाधान विषय पर हुआ आयोजन
– सम्मेलन में 1500 से भी अधिक लोगों ने की शिरकत
भोरा कलां- गुरुग्राम,हरियाणा:
भोराकलां स्थित ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता बीके शिवानी ने सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि रिश्तों को सुधारने के लिए आत्मिक भाव जरूरी है। क्योंकि धन भी तभी सुख देता है, जब सम्बन्ध अच्छे हों। उन्होंने कहा कि बोल से ज्यादा प्रभाव संकल्पों का पड़ता है। दूसरों के लिए अच्छा सोचने से पहले उसका अच्छा प्रभाव हमारे ही मन पर पड़ता है।
– शुद्ध एवं सकारात्मक संकल्पों से आता है संबंधों में परिवर्तन
बीके शिवानी ने कहा कि हमें अपने अंदर सिर्फ अच्छाई को ही रिकॉर्ड करना है। जैसा हम सोचते हैं, वैसे ही वाइब्रेशन बनते हैं। वाइब्रेशन से वायुमंडल बनता है। शुद्ध एवं सकारात्मक संकल्पों से ही संबंधों में परिवर्तन आता है। क्योंकि हमारे वाइब्रेशन दूसरों को बदलते हैं। संकल्प से ही सिद्धि होती है। दूसरों की बुराई से प्रभावित होने की जगह अपनी अच्छाई का प्रभाव दूसरों पर डालना है।
– मोबाइल बन चुका है सबसे बड़ी एडिक्शन
बीके शिवानी ने कहा कि वर्तमान समय मोबाइल सबसे बड़ी एडिक्शन बन चुका है। एक तरफ मोबाइल ने जिंदगी को आसान बनाया है। साथ ही दूसरी तरफ इसके दुष्परिणाम उससे भी ज्यादा खतरनाक हैं। आज बचपन से ही पेरेंट्स बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। जिस कारण बच्चों को उसकी लत लग जाती है। मोबाइल का दुरुपयोग मन की शक्ति को कम कर देता है।
सम्मेलन में अनुभवी वक्ताओं के द्वारा राजयोग एवं ईश्वरीय ज्ञान की बारीकियां समझाई गई। कार्यक्रम में आए लोगों ने कहा कि ओआरसी के वातावरण में उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा का गहन अनुभव हुआ।

