अंबिकापुर, छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय सेवा योजना की राज्य स्तरीय सात दिवसीय विशेष शिविर में बौद्धिक सत्र के दौरान वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अंबिकापुर की संचालिका विद्या दीदी को आमंत्रित किया गया। उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा की शांति आत्मा का स्वधर्म है शांत मन से किए हुए कार्य से सफलता प्राप्त होती है। जब हमारा मन शांत होता है तो हमारी निर्णय पावर भी बढ़ जाती है, हमारा मन सशक्त होता है। और सशक्त मन वाला व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है। मन को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने बताया शक्ति को इंग्लिश में पावर कहते हैं। उन्हें पावर शब्द का डेफिनेशन बताते हुए कहा की P अर्थात शांति अपने अंदर की पावर को जागृत करने के लिए मन को शांत रखना जरूरी है और राज योग मेडिटेशन मन को शांत बनाने में बहुत मदद करता है। O अर्थात ऑप्टिमाइज्म हमें सदा आशावादी बनना है । W अर्थात वेलविशस हमें सब के प्रति शुभ भावना और शुभकामना रखती है। E अर्थात एंपावरमेंट आत्म चिंतन के द्वारा स्वयं को सशक्त बनाना है औरR अर्थात रिचार्ज स्वयं को आत्मा समझकर जब हम सुप्रीम पावर परमात्मा के साथ कनेक्ट होते हैं तो हमारा मन शांत और शक्तिशाली बनता है। उन्होंने कहा जब हमारा मन शक्तिशाली बन जाता है तो मन के अनेक बुराइयों तथा व्यसन से हम स्वयं को मुक्त कर सकते हैं अंत में संजू बहन ने सभी स्वयंसेवकों को नशा मुक्ति बनने के लिए प्रतिज्ञा करवाई कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य के 23 जिलों के बच्चे एवं शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।




