ईश्वर की महान शांति दूत के रूप में थी दादी रतन मोहिनी जी :भ्राता बीरेंद्र गुप्ता जिला अध्यक्ष भाजपा
रीवा,मध्य प्रदेश। शहर के विभिन्न गणमान्य नागरिक इस पवित्र श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचकर सभी ने दादी जी के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। जिसमेंवरिष्ठ समाज सेविका और सी डब्ल्यू सी सदस्य श्रीमती प्रवीण मिश्रा, गुलाब साहनी, विशाल, योगा टीचर संध्या, मीना कुंदेर, तरुण वर्मा,अभय सिंह तथा सभी बीके भाई बहन उपस्थित रहे।
भाजपा के जिलाअध्यक्ष भ्राता श्री वीरेंद्र गुप्ता ने बताया दादी जी एक महान आत्मा थी, ऐसी महान आत्माएं समाज की कुरीतियों को दूर कर लाखों लोगों के जीवन को श्रेष्ठ बनाया है। दादी जी कहा करती थी जब भी हम संकट में दिल से परमात्मा को पुकारे मेरे बाबा मेरे साथी आ जाओ और सहायता मिल जाती है।
राजयोगिनी निर्मला दीदी जी ने दादी जी के प्रति अपनी आस्था और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। दादी जी का 2006 मे रीवा आना हुआ। उनका जीवन ही बड़ा मूल्यवान था। वह त्याग तपस्या से परिपूर्ण थी। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन विश्व के कल्याण अर्थ समर्पित कर सफल किया।
डॉ प्रभाकर चतुर्वेदी जी ने कहा कि ऐसी महान विभूतियो की उपस्थिति ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है और वह दादी के जीवन से दिखता है। डॉ हरिश्चंद्र द्विवेदी ने कहा दादी मां समान थी। और 13 वर्ष की उम्र में दादी ने वैराग्य का संकल्प लिया।
भाई नारायण डिगवानी ने बताया कि जब मैं माउंट आबू गया दादी से मुलाकात हुई दादी का जीवन ही इतना सुंदर साफ स्वच्छ था उनके जीवन से काफी प्रेरणा मिलती थी। गायक नीलेश श्रीवास्तव ने कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि दादी जी के बताए हुए मार्ग पर चलना ही है।
प्राचार्य शाहिद परवेज जी ने बताया उन्होंने पूरा जीवन समाज के कल्याण के लिए दिया है। डॉ विकास श्रीवास्तव ने कहा कि तो स्थूल शरीर से अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली सुक्ष्म शरीर होता है। दादी जी अभी भी सेवा कर रही है। कविवर रामसुंदर द्विवेदी जी ने कहा की दादी जी का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक रहा। एडवोकेट भाई सुरेश जी ने कहा दादी जी ने ईश्वरीय सेवा में अपना जीवन समर्पित कर सफल किया। कर्मठ समाजसेविका मनीष दुबे जी ने कहा कि हम सब परम सौभाग्यशाली हैं कि महान दिव्य आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। भ्राता अभिराज, अभिषेक ने बताया कि जब मैं यहां पर संस्था के सानिध्य में आता हूं मुझे अनुपम शांति की अनुभूति होती है। डॉ एस के त्रिपाठी ने कहा कि ईश्वरीय ज्ञान ही जीवन का सार है, इसी से ही हमारा जीवन श्रेष्ठ बन सकता है। इंजीनियर राकेश जी ने कहा कि युवाओं की दादी रतनमोहिनी जी है। उन्होंने सदा ही युवाओं में उमंग उत्साह भरा है।योगा टीचर संध्या मिश्रा ने आए हुए सभी गणमान्य नागरिकों का दिल से इस विनम्र श्रद्धांजलि कार्यक्रम पर आभार व्यक्त किया।





