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गंगटोक: प्रशासनिक अधिकारियों वर्ग के लिए तनाव मुक्त प्रशासन के लिए ध्यान (meditation for stress free administration) विषय पर सम्मेलन

– राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तनाव मुक्त प्रशासन विषय पर व्याख्यान हुआ…
– मुख्यमंत्री, मंत्री, एम.एल.ए. सहित बड़ी संख्या में शासन के अधिकारियों ने हिस्सा लिया…
– मानसिक सन्तुलन बनाए रखने के लिए मेडिटेशन जरूरी…प्रेमसिंग तमांग, मुख्यमंत्री।
– तनाव से बचने के लिए आन्तरिक क्षमता को बढ़ाना होगा…ब्रह्माकुमारी विधात्री।
– कर्म को योग के साथ जोड़ना सीखें…ब्रह्माकुमार हरीश भाई।

गंगटोक (सिक्किम) : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं राजयोगा एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के प्रशासक सेवा प्रभाग की ओर से चिन्तन में राज्य शासन के प्रशासनिक अधिकारियों वर्ग के लिए तनाव मुक्त प्रशासन के लिए ध्यान (meditation for stress free administration) विषय पर सम्मेलन रखा गया। कार्यक्रम में सिक्किम राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंग तमांग और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा राय सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित थे।

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेमसिंग तमांग ने कहा कि प्रशासन किसी भी समाज और राष्ट्र का प्रमुख अंग होता है। उसमें रोज निर्णय लेने और लचीलेपन की जरूरत होती है जिसके कारण तनाव होना स्वभाविक होता है। मानसिक सन्तुलन बनाए रखने और जिम्मेदारियों को पूर्ण करने के लिए मेडिटेशन महत्वपूर्ण हो जाता है। मेडिटेशन सिर्फ एक टेकनीक ही नहीं बल्कि जीने का तरीका है जो कि हमें शान्ति प्रदान करने के साथ ही निर्णय क्षमता को बढ़ाता है जो कि प्रभावशाली प्रशासन के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है।
उन्होने ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था सारे विश्व में शान्ति, अध्यात्म और मानवीय मूल्यों को फैलाने का सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होने आशा प्रकट कृते हुए कहा कि आज का सत्र तनाव प्रबन्धन के साथ- साथ नेतृत्व कला को विकसित करने और उनकी दक्षता को बढ़ाने में सफल होगा।

मुख्य वक्ता नई दिल्ली की ब्रह्माकुमारी विधात्री दीदी ने कहा कि तनाव आजकल वैश्विक समस्या बन चुकी है। कुछ लोग तनाव को सामान्य समझ लेते हैं जबकि यह मन की असामान्य अवस्था है। प्रशासन में प्रेम, शान्ति आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम जैसा दूसरों को जो देते हैं वह कई गुणा होकर हमें वापस मिलता है। आप प्रेम से आदेश दें तो सभी आपकी बात मानेंगे। तनाव से बचने के लिए हमें अपनी आन्तरिक क्षमता को बढ़ाना होगा जिसके लिए मेडिटेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि यहां नेपाल, भूटान और सिक्किम की संस्कृति का मिला जुला स्वरूप दिखाई देता है। सभी लोगों में एकता है। इसलिए यहां अपराध कम है।

माउण्ट आबू से आए मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार हरीश भाई ने प्रशासक सेवा प्रभाग का परिचय देते हुए कहा कि कर्म को योग से जोड़ना होगा। उन्होंने सभी को माउण्ट आबू आने का भी निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह सौ लोगों को मा.आबू में सितम्बर माह में आयोजित प्रशासनिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए अवश्य भेजेंगे।

कर्नाटक सिरसी से पधारी ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने कहा कि तनाव से बचने के लिए स्वभाव, अभाव, प्रभाव और दबाव इन चार चीजों को छोड़ना होगा। उन्होने गीता का उदाहरण देते हुए बतलाया कि मनुष्य का मन ही उसके बन्धन और मोक्ष का कारण है। इसलिए मेडिटेशन से मन को सुमन बनाओ। स्वयं खुश रहकर औरों को खुशी बांटो।

सत्र को मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी और पूर्व विधायक श्रीमती कृष्णा राय, समाज कल्याण मंत्री सन्द्रुप लेपचा, गंगटोक की संचालिका बीके सोनम दीदी, पानीपत के बीके भारत भूषण ने भी किया। बीके दिकीला ने स्वागत भाषण दिया और नई दिल्ली की ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया।

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