अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। मनुष्य के पास विचार शक्ति एक ऐसी अनुपम सौगात है जो सारे जानवरों से श्रेष्ठ अपनी कृति मनुष्य बना सकता है । हम अपनी सोच को सकारात्मक और शक्तिशाली बना दें तो जीवन में कोई भी समस्या का नाम निशान नहीं रहे ।आज आवश्यकता है अपनी सोई हुई आंतरिक शक्तियों को जागृत करने की। शिक्षा के साथ-साथ अगर हम स्वयं को जान स्वयं की शक्तियों को राजयोग के द्वारा जगाया करें तो यही मानव देव बन जाएगा। यही शांति की शक्ति हमें सफलता प्रदान करती है समस्याओं का सामना करती है। संसार की सबसे बड़ी शक्ति साइलेंस पावर है ।आज ज्यादा सोचने के कारण हमारा मन कमजोर होता जा रहा है जिससे हमारी याद दास्त शक्ति खत्म होती जा रही है। शिक्षा का अर्थ यह नहीं कि बाहर की इनफार्मेशन को अंदर डालें बल्कि सही शिक्षा का अर्थ है अपनी आंतरिक शक्तियों को जगाना।यह विचार जीवन जीने की कला के पथ प्रदर्शक ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में अलीराजपुर जिले से सभी शिक्षण संस्थान से पधारे शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षा में मनोबल का महत्व एवं एकाग्रता विषय पर शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन ने बताया की आज की विद्यार्थी फेसबुक व्हाट्सएप पर ज्यादा रहने के कारण फेस गायब होता जा रहा है चेहरा खुशी से खत्म होता जा रहा है, बुक रह जाती है। व्हाट्सएप पर व्यस्त रहने से जीवन में वाई , वॉट संकल्प पैदा होने लगता है। आज शिक्षकों का संपूर्ण समय आई एडिक्शन में ज्यादा जाने से मस्तिष्क कमजोर होता जा रहा है जिसके कारण पढ़ाई की गुणवत्ता भी खत्म होती जा रही है। भ्राता कैलाश सिसोदिया प्रशिक्षण प्रभारी ने आभार प्रकट करते हुए बताया कि आज हम निश्चित करें कि भौतिक जगत के ज्ञान के साथ-साथ हम अपने आंतरिक जगत को भी खोजने का प्रयास करें आतंरिक अन्वेषक बनें।
वर्तमान समय शिक्षा के साथ-साथ सुसंस्कार आवश्यक है। इस पर हमें चिंतन करना होगा कि शिक्षा और विवेक दोनों का सामंजस्य बनाकर हम आगे बढ़े तभी जीवन परिपूर्ण बन सकेगा। मेडिटेशन को हमें जीवन में शामिल करने से हमारी आन्तरिक शक्ति का विकास होगा। कार्यक्रम का संचालन अल सिंह तोमर तोमर ने बताया की आध्यात्मिकता का जीवन में महत्व है यह हमें उच्च नीच जाति पाति से ऊपर उठकर जीवन मूल्य को उजागर करती है जिसे वर्तमानसमय में अच्छे संस्कार आध्यात्मिकता के द्वारा ही आ सकते हैं। कार्यक्रम में संपूर्ण जिले के शिक्षण संस्थानों से 185 शिक्षक व ए शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।








