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हरदोई : त्रिदिवसीय निःशुल्क शिविर ‘नमस्ते ज़िंदगी’ का उद्घाटन

हरदोई उत्तर प्रदेश। भावनाओं को अच्छा बनाइये और हर एक के लिए शुभभावना,शुभकामनारखिये तो आप स्वस्थ रहेंगे। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सिविल लाइंस केंद्र की संचालिका बी.के.रोशनी द्वारा ‘नमस्ते ज़िन्दगी’ के तीसरे व समापन दिवस के अवसर पर उक्त उद्गार व्यक्त किये गए। उन्होंने कहा कि नमस्ते के न से  नम्रता,म से मधुरता,स से सम्मान, त से तंदुरुस्ती का अर्थ महत्वपूर्ण है। बहन रोशनी ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य तथा रिश्तों में आधात्मिकता भी लाएं। परमात्मा से बड़ा कोई सर्जन नहीं। इच्छा शक्ति मजबूत रखिये।नींव मजबूत होगी तो बिल्डिंग भी मजबूत रहेगी।

 नमस्ते ज़िन्दगी के तीसरे व समापन दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में रेलवे विभाग के सी.एम.आई.उत्तर रेलवे,अम्बुज मिश्र, डॉ. राजेश तिवारी,प्रधानाचार्य, जनता इंटर कॉलेज, पुरसौली व अध्यक्ष,प्रधानाचार्य परिषद,हरदोई, डॉ.डी.पी.सिंह आदि के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम का संचालन बी.के.बहन शांति ने किया। इस अवसर पर राधा बहन,शशि किरण सिंह,नीता बहन,रोली बहन,आर.के.विमल, एडवोकेट सर्वेंद्र भाई,राम किशोर मिश्र,अचल भाई डॉ. नरेश चंद्र शुक्ल,सुनील भाई सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया।प्रेस विज्ञप्ति

नमस्ते में यदि नम्रता नहीं है तो उसका कोई प्रभाव सामने वाले पर नहीं पड़ेगा।उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कंपनी बाग गेट के सामने,सिविल लाइंस जेल रोड केंद्र द्वारा आयोजित निःशुल्क त्रिदिवसीय शिविर ‘नमस्ते ज़िन्दगी’ के प्रथम दिवस पर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रोशनी बहन ने नमस्ते के रहस्य को बताते हुए व्यक्त किये। 

 उन्होंने बताया कि नमस्ते के प्रथम अक्षर ‘न’ है जिसका अर्थ है नम्रता अर्थात झुककर दूसरे का सम्मान करना। जब हम नमस्ते करते हैं तो हमारे दोनो हाथ हृदय के पास होते हैं। अतः हम सामने वाले का हृदय से सम्मान करते हैं इसके प्रतिउत्तर में सामने वाला भी आपका हृदय से सम्मान करता है। 

बी.के.रोशनी बहन ने नमस्ते के तीन अर्थ बताए-अभिवादन आराधना व नम्रता। जीवन में केवल धन से ही नहीं सम्मान होता है सम्मान के लिए मूल्यवान है हमारी संस्कृति व संस्कार। हमारी संस्कृति और संस्कार हमें समाज में आदर योग्य बनाते हैं।

 त्रिदिवसीय निःशुल्क शिविर ‘नमस्ते ज़िंदगी’ का उद्घाटन रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.अमित कुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलन करके किया।इस शिविर में बी.के.बहन चांदनी,रुचि,अनामिका,बहन राधा, डॉ.नरेश चंद्र शुक्ल,मोहम्मद रज़ा,नवल किशोर,अचल भाई,आशीष भाई.सर्वेंद्र श्रीवास्तव,आर.के.विमल,विष्णु शंकर,राम किशोर सहित अनेक गणमान्य लोगों ने प्रतिभाग किया। संचालन बी.के.बहन शांति ने किया। शिविर के अन्य दो दिनों में नमस्ते के अन्य अक्षरों के रहस्यों का उद्घाटन किया जाएगा।दूसरे का सम्मान करने से आपको भी सम्मान मिलता है। सम्मान अर्जित किया जाता है वह अपने आप नहीं मिलता। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सिविल लाइंस केंद्र द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय निःशुल्क शिविर ‘नमस्ते ज़िंदगी’ के दूसरे दिवस पर बी.के.रोशनी बहन ने नमस्ते के  रहस्य को बताते हुए व्यक्त किए। उन्होंने नमस्ते के प्रथम अक्षर ‘न’ से नम्रता के बाद ‘म’ से मधुरता पर बोलते हुए कहा कि मधुरता से आप अपने हर कार्य को सुगमता से  कर सकते हैं। बहन रोशनी ने ‘स’ से सम्मान बताते हुए कहा कि समान भाव से सबके लिए मान रखना ही सम्मान कहलाता है।सम्मान स्वयं के प्रति,दूसरों के प्रति,बड़ों के प्रति,प्रकृति के प्रति सम्मान तथा ईश्वर के प्रति सम्मान का भाव रखें।

 सम्मान मांगने की चीज नहीं होती वरन हमारा व्यवहार ऐसा हो कि लोग स्वयं सम्मान करें। सम्मान पाने के बाद अहंकार नहीं आना चाहिए। रोशनी बहन के अनुसार सम्मान दिल जीतने की चाबी है।

 शिविर का उद्घाटन अभय शंकर गौड़,मेडिकल कॉलेज हरदोई के डॉ.निखिल शुक्ल, प्रख्यात  फिजिशियन और अशोक श्रीवास्तव,से. नि,क्षेत्रीय प्रबंधक ग्रामीण बैंक ने दीप प्रज्वलन करके किया। कार्यक्रम का संचालन बी.के.बहन शांती ने किया। इस अवसर पर बी.के.भाई विनोद,सरिता बहन,पुष्पा बहन,राधा बहन,कंचन बहन,चांदनी बहन,राम प्रसाद भाई,रमेश भाई,एडवोकेट सर्वेंद्र,आशीष भाई,मोहम्मद रज़ा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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