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खजुराहो : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में यात्रियों को दिया संदेश

बाकू से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति किया जागरूक

व्यसन मुक्ति की प्रदर्शनी के माध्यम से दिया गया संदेश

रेलवे स्टेशन में मौजूद से सैकड़ो लोगों ने लिया प्रदर्शनी का लाभ

खजुराहो, मध्य प्रदेश।। विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो के रेलवे स्टेशन पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में रेलवे स्टेशन के अधिकारियों एवं स्टाफ के साथ-साथ आम जनता ने भी इस प्रदर्शनी का लाभ उठाया ।

नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत यह कार्यक्रम किया गया, जिसमें खजुराहो रेलवे पुलिस बल के – श्याम सिंह बागरी जी ने बताया कि व्यसन की आदत हमें धीरे-धीरे होती हैं इस तरह हमें छोड़ने में भी धीरे-धीरे छोड़ना हैं जैसे सीढ़ी एक एक स्टेप चढ़ते हैं इसी तरह एक-एक करके इन व्यसन को भी हमें छोड़ना हैं। दृढ़ता पूर्वक प्रयास के साथ हम नशे से मुक्त हो सकते हैं।

वहीं स्टेशन मास्टर महेंद्र सेन जी ने भी कहा कि निकोटिन हमारे शरीर में जहर पैदा करता हैं इसकी लत जिसको लग जाती है वह बहुत मुश्किल से छूटती हैं लेकिन अगर हम अपने मन को कंट्रोल में रखते हैं तो नशे से दूर हो सकते हैं ।

खजुराहो सेवाकेंद्र से पहुंचे बीके भाई बहनों ने सभी यात्रियों को यह संदेश दिया कि हमें व्यसन मुक्त किस विधि से होना हैं अर्थात जब हम अपने जीवन में अपने मन पर, अपनी कर्मेंद्रियों पर नियंत्रण रखते हैं अपनी कर्मेंद्रियों को अधिकार में रखते हैं तभी हम व्यसन मुक्त हो सकते हैं साथ ही बताया तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है और वह हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं निकोटीन हमारे शरीर में जाकर धीमे जहर के रूप में कैंसर को उत्पन्न करता हैं। इसीलिए सिगरेट ,बीड़ी ,तंबाकू, गुटखा इन सबसे हमें दूर रहना चाहिए। 

एक सिगरेट हमारे जीवन के 6 मिनट को कम करती है। तो निर्णय आपके हाथ में है आपको अपने जीवन का समय बढ़ाना है या घटाना है।

तो आइये आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में हम सभी यह संकल्प करें कि स्वयं तंबाकू से दूर रहकर अपने परिवार समाज को भी जागरूक करेंगे । और अगर कोई तंबाकू दे तो उनको ना कहेंगे। मित्रों के दबाव में आकर, या बुरे संग में आकर हम ऐसी आदतों को ना अपनाएं जो हमारे परिवार के लिए, समाज के लिए, मानसिक, आर्थिक, शारीरिक हानिकारक हो। ऐसे व्यसनों से हमें दूर रहना अति आवश्यक हैं ।

प्रदर्शनी को समझने के बाद सभी से प्रतिज्ञा कराई गई एवं ईश्वरीय साहित्य भी दिया गया और बताया गया ,कि हम बुरी चीजों को छोड़ने के लिए, कुछ अच्छी चीजों को अपनाए, अच्छी चीजों को खाएं जिससे हमारा तन मन स्वस्थ हो सके।

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