बीमारी व समस्याओं की जड़ हमारी सोच, विचार, भावनाएं हैं , सोच को सकारात्मक बना लें तो हम रोग मुक्त हो सकते हैं… ब्रह्मा -कुमार नारायण भाई
तखतपुर, बिलासपुर छत्तीसगढ़ : आज मानव मन के विचारों की स्पीड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे मन कमजोर नकारात्मक होता जा रहा है। इसी के परिणाम स्वरूप आज मानव रोग रोग व समस्या ग्रसित होता जा रहा है इसका कारण मानव मन के विचार । जब मन कमजोर होता है तो समस्या में मानव उलझता जाता है वह समझ ही नहीं पता है कि ऐसा क्यों हो रहा है। इसका मूल कारण है हमारे सोच, भावनाएं ,दृष्टिकोण।जब हम मुसीबत में होते हैं तो निराश, हताश हो कर अच्छे समय का इंतजार करने लगते हैं। जबकि सत्य तो यह है कि समय नहीं बदलता, बल्कि हमारे बदलने से समय अपने आप बदलना शुरू कर देता है। अतः हमें अच्छे समय का इंतजार नहीं करना है, बल्कि खुद अच्छा बनना है, क्योंकि हर बदलाव भीतर से शुरू होता है। आज भारत में विश्व में जो स्थिति बन रही है ऐसी स्थिति में हमें शांति ,एकता ,सद्भावना कायम करने के लिए परमात्मा की याद व आध्यात्मिकता , मेडिटेशन ,सकारात्मक चिंतन आवश्यक है। हमें हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं देना है बल्कि अहिंसा व शांति से देना है। भारत शुरू से ही शांति का पक्ष धर रहा है इसीलिए भारत आध्यात्मिक गुरु कहलाता है। अपने आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा सारे देशों को शांति एकता आध्यात्म का अध्याय पढ़ाता है इसीलिए सारा विश्व भारतीय योग शिक्षा सीखने के लिए आते हैं। वर्तमान अशांति के माहौल में अपनी सुरक्षा हम अपने विचार शक्ति के द्वारा कर सकते हैं। प्रत्येक दिन रात्रि सोने से पहले सकारात्मक चिंतन व मेडिटेशन करने से गहरी नींद से मस्तिष्क शक्तिशाली होता है और प्रातः शक्तिशाली मस्तिष्क व मन से परमात्मा को याद करने से हमारा मनोबल बढ़ता है जिससे हम दिन भर की तनावपूर्ण परिस्थितियों से मुक्त रहने लगते हैं। डर , भय ,चिंता धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। जितना हम आत्मिक स्थिति में रहेंगे उतना हम आपातकालीन परिस्थितियों का मुकाबला कर सकेंगे यही स्वयं की सुरक्षा का सर्वश्रेष्ठ साधन है। रात को सोने से पहले यह अभ्यास करें कि मैं परमात्मा शक्ति की अधिकारी आत्मा हूं, मेरे चारों ओर परमात्मा सुरक्षा कवच है उसके अंदर में सुरक्षित हूं। यह बार-बार अपने को विचार देने से अवचेतन मन ग्रहण कर लेगा ।आपके चैतन्य मन को शांत व भय , डर से मुक्त कर देगा।यह विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने ब्रह्मकुमारी के सुख शांति भवन में आयोजित मेडिटेशन व मेडिसिंस विषय पर नगर वासियों को संबोधित करते हुए बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी छाया बहन ने बताया की ब्रह्माकुमारी एक आध्यात्मिक संस्था है यहां की शिक्षा विश्व भर के लिए शांति, एकता, सद्भाव व जीवन में निर्मलता बनी रहे इसके लिए यह संस्था कार्यरत है। तनाव का मूल कारण है नकारात्मक सोच जिससे अनेक मानसिक रोग पैदा होते जा रहे हैं और हमारे शरीर में अच्छे रसों का सेक्रेशन नहीं हो रहा है। जिससे शरीर रोग ग्रसित होता जा रहा है ।आज हमने अपनी भावनाओं को बिगाड़ दिया है भावनाएं अगर हम सबके प्रति शुभ भावना कामना रखें तो हम कभी भी बढ़कर रोग ग्रसित नहीं हो सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर जी ने बताया कि वर्तमान समय जीवन में मेडिटेशन आवश्यक है जिससे हमारे विचारों में बदलाव आता है। विचारों में बदलाव लाकर के ही हम समाज व देश में शांति, एकता कायम कर सकते हैं। उन्होंने माउंट आबू का अनुभव शेयर करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी भाई बहन विश्व में समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का बहुत अच्छा प्रयास कर रहे हैं मैं इनको धन्यवाद देता हूं।कार्यक्रम के अंत में आभार प्रकट करते हुए ब्रह्माकुमारी ममता बहन ने बताया कि राजयोग से हमारे जीवन में बदलाव आता है जिससे हमारा मन शांत व शक्तिशाली बनता है निर्णय स्पष्ट होते है जो हमारे सफलता को बढ़ा देते हैं ।कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजू क्षत्रीय जी, नगर पालिका अध्यक्ष पूजा मक्कड़, नगर पालिका उपाध्यक्ष गौरी देवांगन, विधायक प्रतिनिधि संतोष कौशिक, विधायक प्रतिनिधि अमित मंदानी जी व नगर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर वासियों ने भाग लिया जो सभी के लिए चर्चा का विषय रहा।








