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हरिद्वार: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा परिसर ग्राउंड में”एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” कार्यक्रम

हरिद्वार,उत्तराखंड: 11 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम परिसर में प्रातः 5 बजे से विशेष राजयोग ध्यान, प्राणायाम, और योगाभ्यास सत्र आयोजित किए गए। योग दिवस बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जो हमें प्रकृति और आत्मा के बीच संतुलन की ओर प्रेरित करती है।
🌸 आश्रम परिसर में प्रातःकालीन ध्यान, प्राणायाम और योगाभ्यास के विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सैकड़ों साधकों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।
🌿 वरिष्ठ राजयोग शिक्षकों ने योग के आध्यात्मिक पक्ष पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे योग से केवल शरीर ही नहीं, बल्कि आत्मा भी पावन बनती हैं |
🕊️ कार्यक्रम में “योग और शांति” विषय पर प्रेरणादायक प्रवचन हुए, जिसमें योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संदेश दिया गया।
🌿 मुख्य आकर्षण:
*वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा योग और ध्यान के आध्यात्मिक लाभों पर प्रवचन
*योगाचार्य भ्राता अमित कुमार तथा योगाचार्य बहन पूजा के द्वारा विशेष रूप से शारीरिक प्राणायाम, और योगाभ्यास
*”योग, आत्मा और परमात्मा का मिलन” विषय पर विशेष संगोष्ठी
*स्थानीय नागरिकों, साधकों और पर्यटकों की सक्रिय भागीदारी
*पर्यावरण संरक्षण और मानसिक शांति के संदेश के साथ योग प्रदर्शन
हरिद्वार सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी बीके मीना दीदी ने कहा-यह दिन न केवल भारतीय संस्कृति का उत्सव है, बल्कि पूरी दुनिया को “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना से जोड़ने का संदेश देता है | सभी को परमात्मा के साथ अपना रिश्ता जोड़ (योग) – सहज राजयोग से जीवन में सुख -शान्ति पाने की विधि बताई |
विशेष रूप से देहरादून सेवाकेंद्र से पधारी राजयोगिनी बीके मंजू दीदी जी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाओं के साथ- साथ तन और मन दोनों से स्वास्थ्य पाने एवं प्रसन्न रहने की प्रेरणा दी |
योगाचार्य भ्राता अमित कुमार जी ने मुख्य रूप से पतंजलि योग सूत्र – 🧘‍♂️ अष्टांग योग :-
1.यम (नियमों का पालन),2.नियम (स्व-अनुशासन),3.आसन – स्थिर और सुखद स्थिति,,4.प्राणायाम – श्वास का नियंत्रण,5.प्रत्याहार – इन्द्रियों को विषयों से हटाना,6.धारणा – एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना,7.ध्यान – निरंतर ध्यान की अवस्था,8 समाधि – आत्मा में पूर्ण लीनता |
इन सभी के मुख्य आयामों से प्रांगण में बैठे सभी नागरिकों को अवगत कराया | इसके साथ- साथ विशेष रूप से योगाचार्य अमित कुमार जी सभी को विभिन्न शारीरिक प्राणायाम तथा योगासनों के माध्यम से लाभान्वित किया |
साथ ही में विशेष रूप से पधारी योगाचार्य बहन पूजा जी – ने सभी को श्वासों का महत्व तथा श्वासों के आवागमन से शारीरिक सूक्ष्म व्यायाम करवा कर, हमेशा स्वस्थ रहने के गूढ़ मंत्रों से सभी को लाभान्वित किया |
तत्पश्चात हरिद्वार सेवाकेंद्र की बी के रजनी बहन जी ने- सुन्दर गीतो के माध्यम से सभी को उमंग और उत्साह से भरपूर कर दिया | सभी को मुस्कुराने का जादुई रहस्य सीखा कर- खुश नसीब बनने का संकल्प करवाया – इस संकल्प से सभी के चेहरे रूहानी नूर से खिल खिला कर चमक उठे |
रुड़की सेवाकेंद्र की बी के गीता बहन जी अपनी रूहानी दॄष्टि से सभा को योगयुक्त कर-परमात्मा के साथ हर दिन योग लगाने की प्रेरणाएं दी|
मंच का कुशल संचालन करते हुए ,ब्रह्मा कुमार सुशील भाई जी ने भी परमात्मा के अवतरण तथा भारवासियों को परमात्मा शिव के द्वारा योग सिखाकर – स्वयं पर तथा अपनी कर्मेन्द्रियों पर राज्य कर, राजयोग के मूल मंत्र से स्व-स्थिति में स्थित होकर, असली स्वास्थ्य पाने के मूलमंत्र से अवगत कराया |

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