इंदौर, मध्य प्रदेश। नशा मुक्ति भारत अभियान के अंतर्गत NCB और ब्रह्माकुमारीज़ के सहयोग से चल रहे “स्पंदन” कार्यक्रम में आज शहर के कई स्थानों — BSF कैंप, DPS स्कूल, Bhaskar स्कूल और Oriental College — पर युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी गई।उज्जैन रोड पर स्थित ओरिएंटल अकादमी में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जीवन जीने की कला के विशेषज्ञ photo no 13008 ब्रह्माकुमार नारायण भाईजी ने बताया कि आज का छात्र का मनोबल कमजोर होता जा रहा है। जिसके कारण तंबाकू ,गांजा ,चरस मादक पदार्थों का शिकार बनता जा रहा है ।नशे की लत बढ़ती जा रही है और यह नशे की लत ऐसी होती है जो एक बार व्यक्ति अगर इसका शिकार हो जाता है तो बड़ी मुश्किल से छूट पाती है ।हमारे शरीर के न्यूरॉन्स इसके एडिक्शन के आदी हो जाती है । इससे बचने के लिए मेडिटेशन एक प्रभावशाली प्रक्रिया है जो हमें बाहरी नशे से दूर रखता है। इससे एकाग्रता आती है और पढ़ाई में सफलता मिलती है।
बी के आशा बहनजी ने स्कूलों व कॉलेज में ध्यान सत्र आयोजित किए और युवाओं को नशे से बचने की गहराई से समझाईश दी। उन्होंने बताया कि मानसिक शक्ति और आत्म-जागरूकता ही युवाओं को गलत संगति से बचा सकती है। इस अवसर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पेक्टर भ्राता विजय राज जी ने बताया कि तंबाकू का सेवन भारत में इतना बढ़ गया है जिसके कारण भारत विश्व में तीसरे स्थान पर आ गया है ।तंबाकू मीठा व धीमा जहर है जो दीमक की तरह से धीरे-धीरे मानव जीवन को अंदर से खोखला कर देता है। नशा एक गंभीर सामाजिक संकट है हर 8 सेकंड में, एक व्यक्ति एक दिन में 3750 और 1 वर्ष में 13.50 लाख केवल तंबाकू के नशे के कारण भारत में मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने नशे से मुक्त रहने के लिए प्रतिज्ञा कराई।
कार्यक्रम की विशेष बात रही माउंट आबू से आई ‘नशा मुक्ति रथ’, जिसमें
🔸 कुंभकर्ण की झांकी के माध्यम से नशे की लत से होने वाली सुस्ती और मानसिक जड़ता को दर्शाया गया।
🔸 LED स्क्रीन पर एक प्रेरणादायक नशा मुक्ति ड्रामा दिखाया गया, जिसे देखकर बच्चों और युवाओं में गहरी छाप पड़ी।
DPS के 600, Bhaskar स्कूल के 300 व Oriental कॉलेज के दर्जनों छात्रों ने इस अभियान में भाग लिया और सभी ने मिलकर “नशा न करने” की सामूहिक प्रतिज्ञा ली।
स्कूल और कॉलेज प्राचार्यों ने कहा, “इस प्रकार की रचनात्मक पहल युवाओं में चेतना जागृत करती है और उन्हें सही मार्ग दिखाती है।”
यह कार्यक्रम आध्यात्मिक, नैतिक व मानसिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल बनकर उभरा।









