रावतभाटा, राजस्थान। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आज सत्गुरुवार हरियाली अमावस के शुभ अवसर पर राजयोग सेवा केंद्र प्रभारी बीके अंकिता दीदी की शुभ प्रेरणा से केदारनाथ से पदयात्रा करके आए हुए रावतभाटा निवासी 20 कावड़ यात्रियों का राजयोग सेवा केंद्र चारभुजा में सम्मान समारोह रखा गया।
ब्रह्मा कुमारी बहनों द्वारा सभी कावड़ यात्रियों का तिलक अपर्णा एवं फूलमालाओं द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया तत्पश्चात कावड़ यात्रा का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा की यह कावड़ यात्रा शिव परमात्मा के प्रति शिव भक्तों की अटूट आस्था प्रेम और शक्ति का प्रतीत है, वास्तव में यह यात्रा हमें प्रेरणा देती है की कितनी भी कठिनाइयां हमारे मार्ग में हो लेकिन परमात्म याद की शक्ति से हर रास्ता सहज पार हो सकता है।
चार प्रकार की कावड़ यात्राएं हमारी अध्यात्मिक ज्ञान मार्ग की चार अवस्थाओं का यादगार है जिसमें पहले है सामान्य कावड़ यात्रा जिसका अर्थ है आराम से चलना जो उन लोगों का प्रतीक है जो सच्चाई का रास्ता जानते हुए भी अपनी सुविधा अनुसार जीवन वयापन करते हैं। दूसरा है डाक कावड़ माना बिना रुके चलते रहना जो उन लोगों का प्रतीक है जो समय को समझते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाते हैं। तीसरा खड़ी कावड़ यात्रा जिससे नीचे नहीं रखना होता इसका अर्थ है ज्ञान से परिपूर्ण बुद्धि को कभी व्यर्थ नकारात्मक से मैला नहीं करना है। चौथा है दाडी कावड़ माना दंडवत करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचाना जिसका अर्थ है अहंकार के मैं और मेरे पन को शिव भोलानाथ पर संपूर्ण अर्पण करना।ऐसी अध्यात्मिक पदयात्राएं हमारी आज की युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करती है ऐसे श्रेष्ठ कार्य में सहयोगी बनने के लिए।
अंत में ईश्वरीय सौगात देकर के सभी को प्रसाद दिया गया। कार्यक्रम में लवीना बहन, बीके चित्रा बहन एवं अन्य बीके भाई बहाने मौजूद रहे।



