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खामगांव: तकनीक के साथ आत्मज्ञान हो तो डिजिटल युग में मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता संभव

तकनीक के साथ आत्मज्ञान हो तो डिजिटल युग में मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता संभव”

* मीडिया चर्चासत्र में विशेषज्ञों की राय*

खामगांव,महाराष्ट्र: डिजिटल तकनीक ने पत्रकारिता का स्वरूप तेज़ी से बदल दिया है। इन बदलावों की समीक्षा करते समय पत्रकारों के लिए आवश्यक है कि वे मूल्यों, ज़िम्मेदारी और मानवीय दृष्टिकोण को बनाए रखें। यह विचार आज खामगांव में आयोजित जिलास्तरीय मीडिया सम्मेलन में व्यक्त किए गए। सम्मेलन का विषय था “डिजिटल तकनीक: चुनौतियां, अवसर और पत्रकारिता की नई दिशा”। यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज मीडिया प्रभाग, माउंट आबू की ओर से रायगड कॉलोनी स्थित ब्रह्माकुमारीज शिवालय सेवा केंद्र में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति और स्वागत नृत्य “ये आंगन ये द्वारे” से हुई। ब्रह्माकुमारी शकुंतलादीदी ने स्वागत भाषण दिया।

मुख्य प्रस्तावना ब्रह्माकुमार डॉ. शांतनुभाई, राष्ट्रीय समन्वयक, मीडिया प्रभाग ने की। उन्होंने कहा कि “समस्या बताने से समाधान नहीं होता, समाधान-प्रधान पत्रकारिता ज़रूरी है। गांधीजी ने कहा था कि पत्रकारिता सेवा है। पुलिस प्रशासन के बिना कुछ दिन चल सकता है, लेकिन समाचार पत्र के बिना एक दिन भी संभव नहीं।” उन्होंने ब्रह्माकुमारीज मीडिया विंग द्वारा आयोजित मूल्यनिष्ठ कार्यक्रमों की जानकारी दी।

बीज भाषण में दैनिक देशोन्नती (बुलढाणा संस्करण) के संपादक श्री राजेश राजोरे ने कहा: “डिजिटल युग में तेज़ गति से समाचार देने के साथ सटीकता और ज़िम्मेदारी बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। तकनीक के साथ आत्मपरीक्षण और नैतिकता भी ज़रूरी है।”

उद्घाटन भाषण श्री रणजीतसिंह राजपूत, अध्यक्ष, अखिल भारतीय मराठी पत्रकार संघ, बुलढाणा जिला ने किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का कार्य समाज को दिशा देना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि सच्ची पत्रकारिता करने वालों की रक्षा होनी चाहिए।

अन्य विचार:

श्री अरुणजी जैन (वरिष्ठ उपसंपादक, दैनिक सकाळ) ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज मीडिया प्रभाग इस तरह की चर्चाओं से वैचारिक क्रांति ला रहा है।

श्री अनिल गवई (उपसंपादक, लोकमत) ने कहा कि ऐसे सत्रों से चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा मिलती है।

श्री संदीप वानखेडे (पुढारी न्यूज) ने कहा कि ब्रेकिंग न्यूज की होड़ में सकारात्मक पत्रकारिता लुप्त हो रही है, इसे बचाना होगा।

श्री राजेंद्र काळे (जिला प्रतिनिधि, देशोन्नती) ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज और पत्रकारिता में दोस्ती है, आज विश्व मैत्री दिवस पर यह आयोजन महत्वपूर्ण है।

समापन सत्र में ब्रह्माकुमारी रुख्मिणीदीदी (संचालिका, अकोला सेवा केंद्र) ने आशीर्वचन दिए। बी.के. सुषमादीदी ने राजयोग का मार्गदर्शन कराया। अंत में प्रश्नोत्तर सत्र, पत्रकारों के विचार और धन्यवाद प्रस्ताव (प्रा. गोपाल राखोंडे) हुआ। कार्यक्रम का संचालन बी.के. सुषमादीदी ने किया। कार्यक्रम में बुलढाणा जिले से बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधियों ने सहभागिता दर्ज की।

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