शहडोल,मध्य प्रदेश। रक्षाबंधन का त्यौहार यूं तो हम हर बार मनाते हैं बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं लेकिन जहां तक भाईयों के द्वारा बहनों की रक्षा का सवाल आता है वहां पर हम क्यों फेल हो जाते हैं। हम अपनी घर की मां, बहन, बेटी के साथ तो पवित्र रिश्ता निभाते हैं लेकिन अन्य के प्रति हमारी दृष्टि क्यों बदल जाती है आखिर वो भी तो किसी की मां, बहन, बेटी हैं। नारी शब्द ही सम्मान का सूचक है,नारी ही इस सृष्टि की जनक है,नारी पूज्यनीय है, नारी से ही घर, समाज, राज्य, देश और विश्व की कल्पना संभव है। परमात्मा ने नारी को मनुष्य आत्माओं की पालना करने के लिए ही बनाया है। हम भारत माता की संतानों को नारी को सशक्त बनाने का प्रण लेना है। जब तक नारी शक्तिशाली, पूज्यनीय नहीं बन जाती तब तक घर, स्वर्ग नहीं बन सकता है। इसीलिए परमात्मा ने सृष्टि को बदलने का कार्य हम बहनों को दिया है। यह राखी परमात्मा प्यार का सूचक है परमात्मा का प्यार ही हमें बुराईयों से बचा सकता है और हमारे जीवन में परिवर्तन ला सकता है। अतः आप सभी परमात्मा से प्रतिज्ञा करें कि आज से हम परमात्मा के गुणों को अपने जीवन में धारण करेंगे।
उक्त विचार बी के रेशमा बहन ने बंदी भाई बहनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सभी से बुराईयों को छोड़ने की प्रतिज्ञा भी कराई।
बी के पल्लवी बहन ने ब्रह्मकुमारीज द्वारा पूरे देश में चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान, नशा मुक्त भारत के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी तरह का नशा मानव समाज के विकास में बाधक है समाज जब तक नशा मुक्त नहीं होगा तब तक हमारे जीवन में स्थाई खुशी नहीं हो सकती। तो आज हम सभी ये प्रतिज्ञा ले कि स्वयं नशा मुक्त रहेंगे और भारत को भी नशा मुक्त बनायेंगे । हमारा भारत नशा मुक्त भारत। केवल परमात्मा द्वारा सिखाए जा रहे गीता ज्ञान और राजयोग से,नर से नारायण बनाने वाला नारायणी नशा ही हमें श्रेष्ठ बना सकता है ब्रह्माकुमारी बहनों ने लगभग 350 बंदी भाई बहनों को आत्मा स्मृति का तिलक लगाया,परमात्म स्नेह का रक्षा सूत्र बांधा, परमात्मा प्यार से भरपूर मिठाई से सभी का मुख मीठा कराया। सभी को अध्यात्मिक साहित्य भी वितरित किया गया। इस कार्यक्रम में कोतमा से बी के रेशमा बहन, अनूपपुर से बी के नीलू बहन, यू पी से बी के सत्यवीर भाई, शहडोल से बी के पल्लवी बहन, बी के सुभद्रा बहन, देवदत्त भाई, पूनम बहन सम्मिलित हुए।






