स्वरक्षक बन व्यर्थ और नकारात्मक संकल्पों से स्वयं की रक्षा कर सच्चा रक्षाबंधन मनाएं- बीके शैलजा
छतरपुर (मध्यप्रदेश) :- हम पहले हैं स्वरक्षक उसके बाद परिवार के रक्षक, समाज के और विश्व रक्षक हैं तो विश्व रक्षक तो बहुत बड़ी बात है, पहला लक्ष्य हमारा स्वरक्षक बनना। स्व की स्थिति को मजबूत बनाकर रखना। आज संसार के वातावरण में भी मेंटल के पेशेंट बढ़ रहे है। मानसिक कारण हो रहे हैं बीमारियां,समस्याएं पैदा करने के लिए तो मेडिकल साइंस भी ये कह रही कि हर तीसरा व्यक्ति मेंटल पेशेंट के रूप में दिखाई देगा। आज हम कहते हैं डायबिटीज की राजधानी बन रहा है भारत या कैंसर की बन रहा है नहीं इससे भी बड़ी बीमारी है सोचने की बीमारी और यह बीमारी है व्यर्थ, कमजोर और नेगेटिव सोच के कारण। इसलिए आज हम सभी यह संकल्प लें की प्रतिदिन हम ईश्वरीय ज्ञान का अध्ययन कर मन को सशक्त बनाएंगे और मेडिटेशन कर मन की कमजोरी को मिटाकर व्यर्थ और नेगेटिविटी को खत्म कर सदैव मन में अपने प्रति और सर्व के प्रति शुभभावना और शुभकामना ही रखेंगे।

उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय किशोर सागर में नियमित विद्यार्थी भाइयों के लिए रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर कु. गौरी द्वारा रक्षाबंधन के गीत पर बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात ईश्वरीय स्मृति से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी भाइयों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दीं और बड़े ही आत्मिक भाव से सभी को परमात्म रक्षासूत्र बांधकर सबके लिए मंगल कामना की।

विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा, बीके रीना, बीके रजनी, बीके कमला, रेखा बहन एवं अन्य सभी ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा सभी भाइयों को व्यर्थ और नकारात्मक संकल्पों से मुक्ति का संकल्प कराया गया तत्पश्चात सभी का मुख मीठा कर ईश्वरीय स्लोगन भेंट स्वरूप प्रदान किये।



