भारत में ही दिखता है पारिवारिक सम्बन्धों का एक सुंदर दृश्य – डॉ. वीरेंद्र सिंह
माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह ने किया संगम – गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन अभियान का शुभारम्भ
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के समाज सेवा प्रभाग ने किया कार्यक्रम का आयोजन
ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम
भोरा कलां गुरुग्राम,हरियाणा।
पारिवारिक सम्बन्धों का जो दृश्य भारत में देखने को मिलता है, वो अन्य किसी भी देश में नहीं है। उक्त विचार केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के समाज सेवा प्रभाग द्वारा ओम शांति रिट्रीट सेंटर में संगम-गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सामाजिक जीवन अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने ये बात कही। दादी प्रकाशमणी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ये मात्र एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक विचार है। ये कार्यक्रम बुजुर्गों को सम्मान सहित गौरवपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दे रहा है। दादा-दादी, नाना-नानी ही अपने पोते-पोतियों को पुरातन कहानियों के माध्यम से संस्कार प्रदान करते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का भारत सरकार के साथ ये मात्र एक एमओयू नहीं बल्कि सामाजिक मूल्यों एवं संस्कारों की पहचान कराता है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक संगठन है। जो इस प्रकार के अभियान को लोगों के बीच बेहतर ढंग से पहुंचा सकता है।

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव अमित यादव ने कहा कि इस अभियान की शुरुआत ब्रह्माकुमारीज़ संस्था एवं भारत सरकार के साथ हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग(एमओयू) के तहत हुई।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि आज ग्रैंड पेरेंट्स दिवस मनाने की आवश्यकता है। हमें बुजुर्गों की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है। दुनिया में केवल मात पिता ही ऐसे हैं जो बच्चों की खुशी में खुश होते हैं। उनको कुछ नहीं चाहिए। उन्हें चाहिए तो सिर्फ बच्चों का स्नेह और समय। उन्होंने सभी से प्रतिज्ञा कराई कि कोई भी अपने बुजुर्गों को वृद्धावस्था आश्रम नहीं भेजेंगे।
संस्थान द्वारा अभियान के लिए एक गीत की भी लॉन्चिंग हुई। जिसे बीके चांद ने अपने स्वर प्रदान किए।
कार्यक्रम में संस्थान के समाज सेवा प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी बीके प्रेम सिंह, ग्लोबल हॉस्पिटल माउंट आबू के वैज्ञानिक डॉ.रश्मिकांत आचार्य ने भी अपने विचार रखे।
राजयोगिनी बीके आशा, संस्थान के समाज सेवा प्रभाग की संयोजिका, दिल्ली ने कार्यक्रम में सभी को राजयोग की गहन अनुभूति कराई। कार्यक्रम का संचालन बीके उर्मिल एवं बीके सुनैना ने किया। कार्यक्रम में 1800 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।





