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रीवा: ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र में इस वर्ष का रक्षाबंधन पर्व केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं रहा, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का आध्यात्मिक महोत्सव बन गया

रीवा, मध्यप्रदेश: ब्रह्माकुमारीज़ रीवा सेवाकेंद्र में इस वर्ष का रक्षाबंधन पर्व केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं रहा, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का आध्यात्मिक महोत्सव बन गया।

इस पावन अवसर पर संभाग आयुक्त श्री वी.एस. जामोद, पुलिस महानिरीक्षक श्री गौरव राजपूत, कलेक्टर, कमिश्नर, विधायकगण, सांसद, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, जिला पंचायत सीईओ श्री मेहताब सिंह गुर्जर, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, नगर के बुद्धिजीवी, बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख, सामाजिक संगठन, चिकित्सा जगत के डॉक्टर, जज श्री राकेश मोहन प्रधान सहित अनेक विभूतियों ने आश्रम पहुंचकर राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी और ब्रह्माकुमारी परिवार से राखी बंधवाई। बीके प्रकाश भाई इस आयोजन में विशेष सहयोगी रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सीईओ और कमिश्नर का अविस्मरणीय अनुभव:

श्री मेहताब सिंह गुर्जर और संभाग आयुक्त श्री वी.एस. जामोद जी मूलतः केवल कुछ मिनट के लिए कार्यक्रम में पधारे थे, परंतु यहां की शांति, खुशी और परिवार जैसी आत्मीयता ने उन्हें बांध लिया।

“समय का पता ही नहीं चला… यहां से जाने का मन ही नहीं हो रहा था” – दोनों अधिकारियों ने यही अनुभव साझा किया।

इनकी गहरी अनुभूति के परिणामस्वरूप उन्होंने राजयोग अभ्यास शुरू करने का संकल्प लिया।

आईजी का भावुक क्षण:

पुलिस महानिरीक्षक श्री गौरव राजपूत जी को राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी ने शिव बाबा का दिव्य चित्र भेंट किया। चित्र हाथ में लेते ही उन्होंने भावुक होकर कहा –

“मेरे जीवन का सबसे बड़ा उपहार मुझे आज मिला है, मैं दिल से सदा आपका आभारी रहूंगा।”

इस दिव्य उपहार से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी दिनचर्या में बदलाव किया और अब प्रतिदिन ऑफिस पहुंचते ही तथा ऑफिस छोड़ने से पहले 10 मिनट ध्यान (मेडिटेशन) करते हैं, बिंदु स्वरूप पर पूरा ध्यान लगाते हैं।

विशेष पहल – गंगानगर में नशा मुक्ति अभियान:

रीवा का गंगानगर क्षेत्र, जो नशे की गंभीर समस्या के लिए जाना जाता है, वहां से विशेष आमंत्रण पर ब्रह्माकुमारीज़ की एक सेवा टीम पहुंची। टीम में बीके मीनाक्षी, बीके ज्योति, बीके आरती, बीके पूजा, बीके शांति, बीके अन्नपूर्णा, बीके ममता और अनेक सेवाधारी भाई-बहन शामिल रहे।

यहां बहनों ने घर-घर जाकर रक्षा सूत्र बांधा और “एक बुराई छोड़ने” का संकल्प दिलाया। अनेक परिवारों ने उसी क्षण नशा छोड़ने की प्रतिज्ञा की। इस सेवा में पुलिस विभाग, प्रशासनिक अधिकारी और सामाजिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित रहे। इस अभियान से गंगानगर की कई आत्माओं में जीवन परिवर्तन की शुरुआत हुई।

शांति और प्रेम का अद्भुत अनुभव:

जब उच्च पदस्थ अधिकारी दीदी से राखी बंधवा रहे थे, उनकी आंखों में आंसुओं की चमक और आत्मीय भाव झलक रहे थे। संभाग आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक ने दीदी को अपनी “बड़ी बहन और आध्यात्मिक माता” मानते हुए कहा –

“यह केवल भाई-बहन का संबंध नहीं, यह आत्मा-परमात्मा का मिलन है।”

कई अधिकारियों ने आश्रम में ब्रह्मा भोजन का स्वाद चखा और उसकी पवित्रता व ऊर्जा की खुलकर सराहना की।

रक्षाबंधन से राजयोग की ओर कदम:

इस बार का रक्षाबंधन, शिव बाबा की प्रत्यक्ष्यता का विशेष माध्यम बना। अनेक प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्सक, शिक्षक और समाजसेवी अब 7 दिन का राजयोग कोर्स प्रारंभ कर रहे हैं।

जन-जन तक पहुंचा रक्षा सूत्र:

धर्म संस्थाएं, स्कूल-कॉलेज, सामाजिक संगठन, चिकित्सक समुदाय, बैंक, प्रशासनिक दफ्तर, पुलिस थाना, ग्रामीण अंचल – हर जगह बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर शुद्ध, नशामुक्त और सकारात्मक जीवन का संदेश दिया।

राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी ने संदेश दिया:

“राखी का असली अर्थ है – आत्मा को अपनी पवित्रता की पहचान दिलाना, बुराइयों से रक्षा करना और परमात्मा से अटूट संबंध जोड़ना। यही सच्चा सुरक्षा कवच है।” केंद्रीय जेल में 1 हजार कैदियों को राखी बांधी।

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