“सर्व प्रथम सुख शांति भवन की निदेशिका राजयोगिनी नीता दीदी एवं साथी ब्रह्मकुमारी बहनों ने उमंग उत्साह से किया रक्तदान”
“विश्व बंधुत्व दिवस पर सुख शांति भवन, नीलबड़ में भी रक्तदान शिविर का शुभारंभ”
“पहले दिन सैकड़ों लोगों ने किया रक्तदान, कल भी रहेगा आयोजन”
“रक्तदान के साथ सभी को दिलाई गई नशा मुक्ति की प्रतिज्ञा”
“शिविर में रक्तदान को लेकर नगर वासियों में रहा खासा उत्साह”
भोपाल,मध्य प्रदेश । विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को सुख शांति भवन, नीलबड़ में दो दिवसीय रक्तदान शिविर का शुभारंभ हुआ। यह शिविर संस्था द्वारा चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पूरे देश के हजारों सेवा केंद्रों पर एक साथ रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
आज पहले दिन बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न संस्थानों के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और रक्तदान किया।
सुख शांति भवन की निदेशिका आदरणीय राजयोगिनी नीता दीदी ने बताया कि “रक्तदान केवल किसी ज़रूरतमंद को जीवन देने का कार्य नहीं है, बल्कि यह करुणा, सहयोग और भाईचारे की सजीव मिसाल है। दादी प्रकाशमणि जी का जीवन मानवता की सेवा और विश्व बंधुत्व को समर्पित था, और इस प्रकार के सेवा कार्य उन्हीं के आदर्शों को आगे बढ़ाते हैं।”
डॉ. संजीव जयंत (असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट, हमीदिया अस्पताल) ने कहा कि नियमित रक्तदान दाता के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इससे शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज होती है, रक्त स्वच्छ और पतला रहता है तथा हृदय रोगों की संभावना कम होती है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को नशा मुक्ति की सामूहिक प्रतिज्ञा भी दिलाई गई, जिसमें उन्होंने संकल्प लिया कि वे जीवन में किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
आज रक्तदान करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और दादी प्रकाशमणि जी के जीवन से प्रेरक प्रसंग सुनाए गए। उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे आगे भी इस प्रकार के सेवाकार्यों में सक्रिय भागीदारी करेंगे और समाज में सहयोग एवं भाईचारे का संदेश फैलाएँगे।
यह शिविर कल, रविवार 24 अगस्त को भी सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। संस्था ने नगरवासियों, युवाओं एवं समाजसेवियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुँचकर रक्तदान करें और दादी जी के संदेश—“वसुधैव कुटुम्बकम” अर्थात पूरा विश्व ही एक परिवार है—को आत्मसात करें।






