मुख पृष्ठWingsMedia Wingआबू रोड़: ब्रह्माकुमारीज़ की राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का आगाज़

आबू रोड़: ब्रह्माकुमारीज़ की राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का आगाज़

बीके जयंती दीदी ने दिया फरवरी में होने वाले इंटरनेशनल इंटिग्रिटी रिट्रीट देखने का न्यौता

जहां भी कुछ अच्छा कार्य देंखे, उसे प्रमोट करें-जयंती दीदी

विश्व में शांति, एकता और विश्वास स्थापित करने के लिए सैंकड़ो पत्रकारों ने लिया संकल्प

आबू रोड़,राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ की राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का स्वागत सत्र के साथ शुक्रवार को आगाज़ हो गया। संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस में देशभर के करीब दो हजार पत्रकार शिरकत करने पहुंचे हैं। उनके स्वागत में आयोजित प्रथम सत्र के साथ मीडिया कॉन्फ्रेंस शुरू हो गयी। यह कॉन्फ्रेंस 26 से 30 सितम्बर तक चलेगी।

ब्रह्माकुमारीज़ की परंपरा अनुसार मधुरवाणी ग्रुप ने स्वागत गीत के साथ समां बांध दिया। सत्र के प्रारंभ में वॉइस ऑफ ट्रूथ फ़िल्म दिखाई गई। 

इस अवसर पर संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके जयंती दीदी ने लंदन से शुभकामना देते हुए कहा कि सबसे अधिक महत्व संसार मे मीडिया का ही है। इन्फॉर्मेशन विश्व भर में घूमती है तो मीडिया का महत्वपूर्ण रोल है। अशांति के कार्य का समाचार तो प्राथमिकता से दिया जाता है, किंतु बाद में शांति स्थापित होने के समाचार उतने महत्व से नहीं दिखाए जाते हैं। पॉजिटिव न्यूज़ की स्टोरी दिखाने से लोगों को प्रेरणा मिलेगी। मीडिया केवल सूचना भर नहीं देता शिक्षित करने की भूमिका भी निभाता है। एक दो में विश्वास रखकर लोग कार्य कर रहे हैं, इसका भी प्रचार होना चाहिए। मानव का मूल स्वभाव ही शांति, विश्वास और सत्यता है। तो ऐसे स्थानों को भी प्रमोट करना चाहिए कि लोग एक दूसरे पर विश्वास रखकर चल रहे हैं। विशेष तौर पर ब्रह्माकुमारीज़ ही इसका बड़ा उदाहरण है कि माउंट आबू में फरवरी में इंटरनेशनल इंटिग्रिटी रिट्रीट होता है, जहां लगभग 110 देशों से लोग आते हैं। आप कभी आकर देखिये, आपको अच्छा लगेगा। भारत से तो वहां थोड़ी बहने गयी हैं, लेकिन वहां विभिन्न धर्म, देश, संस्कृति वाले लोग मिलकर विश्व सेवा कर रहे हैं। आप भी इसे प्रमोट करें कि ऐसे भी कार्य हो रहे हैं। जहां भी कुछ अच्छा कार्य देंखे, उसे प्रमोट करें। जल्दी ही स्वर्णिम दुनिया आ रही है।

शांति, विश्वास और एकता जब हमारे अंदर होगी, तब समाज मे भी प्रतिस्थापित होगी-बीके निकुंज

स्वागत भाषण देते हुए मुंबई से पधारे बीके निकुंज, राष्ट्रीय संयोजक मीडिया विंग ने दिया। बीके निकुंज ने मीडिया विंग के लक्ष्य सामने रखे।  इस वर्ष यह अनोखा संयोग है कि नवरात्रि पर मीडिया कॉन्फ्रेंस के आयोजन हो रहा है। हर वर्ष की भांति हम नए चिंतन को लेकर मिल रहे हैं। शांति, विश्वास और एकता जब हमारे अंदर आएगी, तब समाज मे भी प्रतिस्थापित होगी। हमने एक दिया प्रज्ज्वलित किया था, आप घृत भरने पुनः पुनः आ रहे हैं। ये हमे विश्वास दिलाता है कि हम सही कर रहे हैं। मीडिया के माध्यम से पूरे देशों की अवस्था बदल जाती है। केवल एक वीडियो से, एक मैसेज से परिस्थिति बदल जाती है। इस एक चीज के माध्यम से जब अशांति हो सकती है तो इसी से ही हम शांति भी ला सकते हैं। जब हम मिलकर एक होकर संकल्प रखेंगे की शांति अपनाकर विश्व को सकारात्मक भी बना सकते हैं। मुझे अपनी शांति की शक्ति के द्वारा सभी के विश्वास का पात्र बनना है। बीके निकुंज भाई ने सभा को शपथ भी दिलाई कि शांति की शक्ति से विश्वास का भाव पैदा करेंगे।

एक-एक पत्रकार बहुत बड़ी सेवा करता है-बीके आत्म प्रकाश

मीडिया विंग के उपाध्यक्ष राजयोगी बीके आत्म प्रकाश भाई ने अपने संबोधन में कहा कि एक-एक पत्रकार बहुत बड़ी सेवा करता है। सबसे पहला विश्वास तो यह है कि मैं कौन हूँ। मैं देह नहीं आत्मा हूँ। पहला विश्वास यह चाहिए। दूसरा विश्वास चाहिए कि मैं परमपिता परमात्मा का हूँ। फिर मैं कहाँ से आया? मुझे सृष्टि पर कैसे चलना है, कैसा व्यवहार करना है। मुझे 1957 में यह ज्ञान मिला। प्रजापिता ब्रह्मा से रूबरू मिले। बाबा ने महावाक्य उच्चारण किया यहां बहुत बड़े लोग आने वाले हैं। बहुत भीड़ लगेगी। पत्रकार भी बहुत आएंगे। 30-40 लोग केवल बैठे थे। फिर हमने देखा कि राष्ट्रपति भी आये, प्रधानमंत्री भी आये, नेता-अभिनेता भी आये। पत्रकार भी आ रहे हैं। दुनिया की स्थिति ऐसी है कि कभी भी विनाश हुआ कि हुआ। महाभारत सामने है। ज्योतिषी भी कह रहे हैं आजकल तो। भगवान ने कहा दिया कलियुग जाएगा और सतयुग आएगा। आप लोग जाकर ज्ञान के प्रचार प्रसार करेंगे। जो हो गया वो ठीक। जो होगा बिलकुल ठीक। जो होगा बहुत ही अच्छा होगा।

पत्रकारिता का भाव लोकमंगल होना चाहिए-मधुकर द्विवेद

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अनुगृहित होना चाहिए कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान ने हमे आमंत्रित कर सम्मान दिया। हम इनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। शांति, एकता और विश्वास को प्रमोट करने के लिए मीडिया की क्या भूमिका होनी चाहिए। जिसके हाथ मे मोबाइल है, वही मीडिया की भूमिका निभा रहा है। मीडिया का दायरा बढ़ा है, उसमे विकृतियां भी आई हैं। 140 देशों में जो संस्था आध्यत्मिकता का परचम लहरा रही है, उस संस्था को हमसे कुछ नहीं चाह रही है। ओमशान्ति सुनने के बाद लगता है कि हममें पवित्रता का भाव पैदा हो गया है। इस परिसर में प्रवेश करते ही जो आत्मीयता मि अनुभूति होती है, उसे शब्दो मे बयान नहीं किया जा सकता। इस संस्थान ने मेरे अंदर परिवर्तन कर दिया। मैं यहां अपना क्रोध छोड़कर गया और ज्ञान का प्रकाश ले गया। जब जीवन मे तनाव के क्षण आते हैं, तब आप मिलिए ब्रह्माकुमारीज़ बहनों भाइयो से। जब दुनिया अशांति की और बढ़ रही है, मनुष्य के जीवन का कोई भरोसा नहीं। यह संस्था पूरे विश्व को शांति का संदेश देकर कहा रहे हैं किसी भी समस्या का हल विध्वंस नहीं है, बल्कि शांति है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था से जुड़ने का आह्वान किया। ब्रह्माकुमारी बहनें सरस्वती स्वरूप हैं, ब्रह्माकुमार भाई देव स्वरूप हैं। इस हॉल में हिन्दू, मुस्लिम, सिख भाइयों का संगम दिखाई दे रहा है। यही तो भारत की पहचान है। पत्रकारिता समाज का दर्पण है। आपकी कलम माचिस की तरह है। आप चाहें तो उसे जलाकर प्रकाश कर सकते हैं, लेकिन उसमें नकरात्मक ता आ गयी तो वह अंधेरा भी कर सकती है। पत्रकारिता का भाव लोकमंगल होना चाहिए। हम निर्लिप्त भाव से लिखें। किसी से प्रभावित न हों, नहीं तो पत्रकारिता के मूल स्वभाव से दूर हो जाएंगे।

सच्चा समाचार वो है, जो ईश्वर से जोड़ दे-बीके डॉ गंगाधर

बीके डॉ गंगाधर, संपादक ओमशान्ति मीडिया शांतिवन ने कहा कि यहां जो कोई आता है, यहां की आध्यात्मिक खुशबू लिए बिना नहीं जाता। अपने कौशल का तीन बिंदुओं में उपयोग करेंगे। एक ट्रिगर सारे देश को खत्म कर देता है। न केवल खुद के लिए बल्कि समाज के कल्याण के लिए कार्य करेंगे। सच्चा समाचार वो है, जो ईश्वर से जोड़ दे। सच्चा सन्देश वह है, जो मानवता को एकता के सूत्र में बांध दी। सच्चा माध्यम वह हो जो जीवन मे प्रकाश व आशा भर दे। क्रोध व अहंकार आप ही छूट जाएगा, जब हम स्वस्थिति में स्थित होंगे। अपनी शक्तियों को पहचानना है, सब कार्य आसान हो जाएगा। खुद को शांत रखने का बीड़ा उठाना है।

सोच बदलेगी तो लेखनी बदलेगी-राजयोगी बीके रंजन बहन

गुजरात से पधारीं राजयोगी बीके रंजन बहन, जोनल कॉर्डिनेटर मीडिया विंग ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ के सभी विंग्स की इसी थीम पर कॉन्फ्रेंस हो रही हैं। यहां पर वही पहुंचते हैं, जो बहुत भाग्यशाली आत्मायें हैं। शांति चाहिए तो मुख्य पॉवर हाउस परमात्मा के साथ संबंध होगा,तब ही हम शांति का अनुभव कर सकते हैं। आज विश्व मे अविश्वास का माहौल है। इसलिए एकता खत्म हो रही है, अशांति का अनुभव कर रहे हैं। इसलिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। इसके आधार पर आप जीवन के अंदर परिवर्तन अनुभव करेंगे। स्वभाव बदल जायेगा। जीवन मे मेडिटेशन अपनाकर परिवर्तन आता है। सोच बदलेगी तो लेखनी बदलेगी। लोगों को आगे बढ़ाने की भावना आएगी। हमें दूसरों को गिराकर आगे नहीं जाना है। मुख्य आवश्यकता है मेडिटेशन की। अपने कार्यक्षेत्र में शांति का अभ्यास करेंगे तो आपकी थकावट होगी। आप रिफ्रेश हो जाएंगे। योग अर्थात स्वयं की पहचान प्राप्त करना है कि मैं अति सूक्ष्म ज्योतिर्बिन्दु आत्मा हूँ। दीदी ने राजयोग का अभ्यास करवाया।

ब्रह्माकुमारीज़ देश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा-डॉ बनारसीलाल शाह

डॉ बनारसीलाल शाह, सचिव मेडिकल विंग प्रोजेक्ट डायरेक्टर नशा मुक्त भारत अभियान ने कहा कि आप सब भाग्यशाली आत्माएं हैं, जो परमात्मा के निमंत्रण पर पधारे हैं। नशे से लोग दुखी हैं, कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा। लोग व्यसन छोड़ते हैं, लेकिन फिर एक साल के बाद फिर नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज़ में 90 प्रतिशत रिजल्ट मिलता है। अभी 16 साल के लोगों को हार्ट अटैक हो रहा है। मेडिटेशन से 10 हजार लोगों का आर्टरी क्लीन किया है। भारत डाइबिटीज का केपिटल बनने जा रहा है। ब्रह्माकुमारीज़ भारत सरकार के साथ मिलकर देश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। डॉ शाह ने पत्रकारों को व्यसन मुक्त रहने और लोगों को नशामुक्त करने की शपथ दिलाई।

केवल सूचना देने का साधन ही नहीं बल्कि समाज का दर्पण-डॉ ईशा अग्रवाल

मुख्य अतिथि डॉ ईशा अग्रवाल, ग्लोबल ब्यूटी पेजेंट विनर और अभिनेत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ बहने सही मायने में देवी स्वरूप हैं। मीडिया को चौथा स्तम्भ माना गया है। यह केवल सूचना देने का साधन ही नहीं बल्कि समाज का दर्पण है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि सत्य और अहिंसा ही सही दिशा दे सकते हैं। आज आवश्यकता है कि हम सभी सत्य और अहिंसा की आवाज़ बनें। घटनाओं को दिखाना भर काम नहीं है, बल्कि नागरिकों को जागरूक करना भी है।

कार्यक्रम के शुभारंभ में रायपुर से आईं बहन शारदा नाथ ने दिव्य गीत प्रस्तुत किया। नृत्यांगना नाट्य एवं कला केंद्र बिदर के कलाकारों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में इग्नू के रीजनल डायरेक्टर डॉ कमलेश मीणा की किताब समावेशी विचार का विमोचन किया गया। प्रथम दिवस के कार्यक्रम का समापन मेहमानों को सौगात देकर किया गया। मंच का कुशल संचालन बीके चंदा दीदी हेड कोऑर्डिनेटर मीडिया विंग ने किया।

*मीडिया एक्सपो का शुभारंभ*

ब्रह्माकुमारीज़ के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड़ स्थित शांतिवन में मीडिया एक्सपो का शुभारंभ हुआ। शांतिवन में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस के तहत इस एक्सपो को लगाया गया है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा भाई, उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश भाई, उपाध्यक्ष बीके सरला बहन, राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु, बीके निकुंज, प्रो संजय द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ मानसिंह परमार पूर्व कुलपति कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर ने एक्सपो का शुभारंभ किया। 

एक्सपो में मैजिक मेडिटेशन, माइंड स्पा जैसे आकर्षक स्टॉल लगाए गए हैं। ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यों की झलक भी एक्सपो में नज़र आई। स्वर्णिम भारत की झांकी लोगों में आकर्षण का केंद्र बन रही है। शाश्वत यौगिक खेती से लेकर ब्रह्माकुमारीज़ के पब्लिकेशन और न्यूज़ चैनल्स की बानगी भी यहां नजर आ रही है।

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