आगरा, उत्तर प्रदेश। आयुष विभाग, आगरा द्वारा ब्रह्माकुमारी आर्ट गैलरी म्यूजियम से 10वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर प्रकृति परिक्षण शिविर के आयोजन आमंत्रित किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित बहनों को सम्मानित कर प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।
कार्यक्रम में बीके मधु दीदी ने कहा कि शरीर प्रकृति से बना है, इसलिए आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। जब हम प्रकृति से बनी वस्तुओं का सेवन करते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि केवल शरीर ही नहीं, आत्मा को स्वस्थ रखना भी उतना ही आवश्यक है। आत्मा की शुद्धता और सकारात्मक सोच से संपूर्ण जीवन स्वस्थ एवं आनंदमय बनता है।
बीके संगीता बहन ने राजयोग मेडिटेशन की विधि बताई और समझाया कि कैसे आत्मा परमात्मा से जुड़कर शक्ति और शांति प्राप्त कर सकती है। तत्पश्चात सभी को मेडिटेशन का अनुभव कराया।
बीके माला दीदी ने भी अपने उद्बोधन में राजयोग को जीवन का आधार बनाने पर जोर दिया और कहा कि आत्मा-शरीर दोनों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए आयुर्वेद और राजयोग का संगम बहुत लाभकारी है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि –“शरीर को प्रकृति से और आत्मा को परमात्मा से जोड़ें, तभी जीवन पूर्ण स्वस्थ एवं संतुलित हो सकता है।”

“10 वें आयुर्वेद दिवस पर आयुष विभाग, आगरा द्वारा यूथ हॉस्टल में आयोजित प्रकृति परिक्षण शिविर में ब्रह्माकुमारी आर्ट गैलरी म्यूजियम से बीके मधु बहन, माला बहन, संगीता बहन ने राजयोग मेडिटेशन सत्र में बहनों को सम्मानित करते हुए।”




