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रालीसणा: पवित्र जीवन यात्रा महोत्सव – 2025 अंतर्गत माता, अधर कुमार, कुमार, कुमारियों का सम्मान समारोह

पवित्र जीवन यात्रा महोत्सव – 2025 अंतर्गत

मेहसाणा सब ज़ोन के पूरी धारणाओं में चलने वाले माता, अधर कुमार, कुमार, कुमारियों का सम्मान समारोह

रालीसणा, गुजरात। “ऐसे बच्चों को देख भगवान भी आपके आगे नतमस्तक होते हैं – वाह मेरे बच्चे वाह। आपने तो ब्राह्मण कुल का कितना नाम रोशन कर दिया! आप बाबा के सिर्फ लाडले बच्चे ही नहीं बल्कि दिल तख्तनशीन बच्चे हो। और जो दिल तख्तनशीन है वह विश्व तख्त नशीन भी जरूर होगा – यह बाबा का वरदान है।” अपना जीवन पवित्र बनाने वाली माताएं, अधर कुमार, कुमार और कुमारियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में उपस्थित 1500 स्वर्ण ताजधारीओं के सामने उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए ब्र.कु. शीलू दीदी जी ने आगे कहा कि भगवान को ऐसे पवित्र योगी बच्चे चाहिए जो भगवान को विश्व परिवर्तन में साथ दें।

नयन रम्य वातावरण में, खेतों के बीच स्थित ‘एन्जल पार्क’ (रालीसणा-विसनगर) में आयोजित इस सम्मान समारोह में ब्र.कु. सरला दीदी जी ने सभी में उमंग उत्साह भरते हुए कहा “नवरात्री की पूर्व संध्या पर आयोजित पवित्र जीवनयात्रा महोत्सव के अंतर्गत पूरे उत्तर गुजरात से मातायें, अधर कुमार, कुमार, कुमारियाँ ऐसे विशिष्ठ रत्त हैं जिन्हों ने कीचड़ में रहते हुए अपने जीवन को कमल पुष्प समान पवित्र बनाया है। परमपिता परमात्मा से प्राप्त हुई ज्ञान-योग की शक्तियों से अपने जीवन में सुख, शांति, समृद्धि की अनुभूति खुद भी कर रहे हैं और औरों को भी करा रहे है। गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए, अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए यह सिद्ध कर बताया है कि घर में रहते हुए भी व्यवहार एवं परमार्थ का बैलेंस रख सकते हैं।”

ब्र.कु. तृप्ति दीदी ने कहा “भारतीय संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का काम यह माताएं कर रही है। कुमारियाँ शॉ केश की शो-पीस है जिससे अन्य कुमारियाँ भी प्रेरणायें ले रही है। अधर कुमार कभी यह नहीं समझो कि हम अकेले हैं। परमात्मा हमारा साथी है।”

विसनगर के हनुमान मंदिर के महंत श्री राजारामगीरीजी एवं विसनगर एपीएमसी के चेयरमैन प्रितेश भाई पटेल ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। महेसाणा की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन जी ने सभी का दिल से स्वागत किया। इस कार्यक्रम का महेमानों के हस्तों से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया एवं केक काटकर सम्मान समारोह मनाया गया।

माताओं के लिए वक्तृत्व स्पर्धा (जिसके विषय थे – 1. ब्राह्मण जीवन में पवित्रता का महत्व, 2. घर बने मंदिर, 3. नारी तू नारायणी) एवं  गरबा स्पर्धा, अधर कुमारों के लिए क्विज़, कुमार-कुमारियों के लिए शीघ्र वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन भी किया गया। जिसमें सभी ने बहुत ही उमंग उत्साह से भाग लिया। हर स्पर्धा के प्रथम तीन विजेताओं को मेमेन्टो देकर पुरस्कृत किया गया एवं सभी प्रतिभागी को प्रोत्साहित इनाम भी दिया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने गरबा किया और ब्रह्मा भोजन का आनंद भी लिया।

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