ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र ग्वालियर तानसेन नगर की संचालिका 69 वर्षीय राजयोगिनी बीके सुधा दीदी नहीं रहीं
जन्म: 15 मार्च 1956, अव्यक्त आरोहण: 25 अक्टूबर 2025
– पिछले 46 वर्षों से मानव सेवा के लिए जीवन को किया समर्पित- प्रातः 3:30 पर ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में ली अंतिम श्वांस – पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य चल रहा था खराब – अंतिम संस्कार में पूरे म.प्र. से सैकड़ो भाई एवं बहने हुए शामिल।
ग्वालियर,मध्य प्रदेश। दुनिया में समय प्रति समय कुछ ऐसे दिव्य, महान, तपस्वी, महान प्रतिभाशाली व्यक्तित्व जन्म लेते हैं, जिनका जीवन चरित्र, हमेशा दूसरों को प्रेरणा देने वाला, त्याग, तपस्या और समर्पण की भावना से परिपूर्ण होता है। उनकी अनमोल शिक्षाएं ताउम्र मधुर स्मृतियों में रहती है। वह अपने पीछे अनमोल धरोहर और विरासत छोड़ जाते हैं जिसकी रिक्तता कभी पूर्ण नहीं हो पाती। वह व्यक्त रूप में इस धरा पर जरूर नहीं होते लेकिन उनकी तपस्या के शक्तिशाली प्रकम्पन अव्यक्त रूप में सदा जन-जन को आलोकित करते रहते हैं।
ऐसी ही महान विभूति थीं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर तानसेन नगर केंद्र की संचालिका परम आदरणीया राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुधा दीदी, जिनका होना ही अनेकानेक लोगों के लिए उमंग-उत्साह और प्रेरणा था। ग्वालियर शहर के संपन्न व आध्यात्मिक परिवार में जन्मी आदरणीय दीदी जी का पूरा ही लौकिक परिवार देश प्रेम व समाज सेवा की भावना से परिपूर्ण था अध्यात्म से लगाव व , माता-पिता के साथ धार्मिक कार्यों में रुचि ही आपको सेवा के क्षेत्र में ले आई। लौकिक में उच्च शिक्षा प्राप्त कर एक गवर्नमेंट कॉलेज में टीचर के रूप में सेवाएं देने के दौरान अपने लौकिक पिताजी के द्वारा आप आध्यात्मिक ज्ञान से जुड़ी आपके लौकिक पिताजी भी ज्ञान में चलते थे समाज को कुछ देने की भावना से आपने अपना पूरा जीवन सन 1981 में जन कल्याण हेतु समर्पित कर दिया। आपके कुशल मार्गदर्शन, प्रेरणा, सेवा के प्रति लगन और उमंग-उत्साह ने हजारों लाखों लोगों को प्रेरणा दी.
परम आदरणीय अवधेश दीदी जी के द्वारा परमात्मा का ज्ञान प्राप्त कर व परमात्मा पर संपूर्ण निश्चय होने के बाद उनके कुशल मार्गदर्शन में आपने अपना संपूर्ण जीवन ईश्वरी सेवा में समर्पित कर दिया आपकी संपर्क में आने वाली हर एक आत्मा को आपके द्वारा एक सच्ची मां की महसूसता होती थी आप परमात्मा की साक्षात प्रतिमूर्ति थी , आपने अनेक भाई बहनों को परमात्मा के विशाल कार्य में सहयोगी बनाकर उनको भी ईश्वरीय सेवा में समर्पित कराया व हजारों भाई बहनों का मिलन परमात्मा से कराया आज वह शब्द हमारे पास नहीं है जिनके द्वारा हम उनके गुण व विशेषताओं की महिमा करें सूर्य के समान तेजस्वी व्यक्तित्व वाली आदरणीय बहन जी की महिमा केवल शब्दों के द्वारा व्यक्त नहीं की जा सकती.
दीदी जी का अंतिम संस्कार कल दिनांक 25 अक्टूबर हजीरा स्थित मुक्तिधाम में हुआ जिसमें मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों की वरिष्ठ बहनें एवं भाई शामिल हुए, छतरपुर से बीके शैलजा बहन, रीवा से बीके निर्मला बहन, सीहोर से पंचशीला बहन, भोपाल से नीता बहन, मुरैना से रेखा बहन, भिंड से मीरा बहन, आष्ठा से कुसुम बहन, मऊरानी से चित्रा बहन, शिवपुरी गुना से सबनम बहन, झांसी से शिल्पी बहन, दतिया से दीपा बहन, सहित अम्बाह, पोरसा, दतिया सहित ग्वालियर के सभी केंद्रों की बहनें बीके सीता बहन, बीके अंजलि बहन, बीके आदर्श बहन, बीके चेतना बहन, बीके ज्योति बहन, बीके मंजरी बहन, बीके रीता, वीके विनीता,
इसके साथ ही अंतिम संस्कार में शामिल हुए ऊर्जा मंत्री म. प्र. शासन श्री प्रदुम्न सिंह तोमर, बीजेपी वरिष्ठ नेता अशोक शर्मा, समाजसेवी प्रदीप कश्यप, काँग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील शर्मा* सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु माताएं बहने एवं भाई बीके मनोज, बीके योगेश, बीके डॉ गुरचरन, बीके प्रहलाद, बीके दीपू भोपाल, बीके नरेश सहित अनेकानेक लोग उपस्थित थे.
ग्वालियर के ब्रह्माकुमारी परिवार पर ही नहीं बल्कि उनके संपर्क में आने वाली हर एक आत्मा के दिलों पर राज करने वाली ऐसी महान, त्यागी, तपस्वी, पवित्रता की प्रतिमूर्ति आदरणीय बहन जी को ग्वालियर के समस्त ब्राह्मण परिवार की तरफ से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
“रूहानी दीप बुझते नहीं,
बस लौ अनंत में समा जाती है।
सच्चे संत का जाना अंत नहीं,
वो हर हृदय में साधना बन जाती









