प्राकृतिक एवं शाश्वत यौगिक कृषि ही आत्म निर्भर किसान एवं आत्म निर्भर भारत बनाने मे सक्षम।
-कृषि भूषण बी के भगवानभाई, नांदेड, महाराष्ट्र.
बीदर (रामपूरे कॉलोनी), कर्नाटक: ब्रह्मा कुमारीज के राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग तथा जिला कृषि विभाग, बीदर की ओर से नेच्युरल फार्मिंग ट्रेनिंग और किसान गोष्ठी “प्रोग्राम का सफल आयोजन किया गया। जिसमे बीदर जिले के करीब 150 पुरुष एवं महिला किसानों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान महाराष्ट्र से पधारे हुए कृषि भूषण बीके भगवान भाई ने प्राकृतिक एवं शाश्वत योगिक खेती विषय पर किसानों को मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम की शुरुआत रयत सम्मान गीत से की गई। तत्पश्चात अतिथियों का तिलक पुष्पगुच्छ और शॉल से सत्कार और स्वागत किया गया।मुख्य रूप से राजयोगिनी सुनंदा दीदी, संचालिका बीदर, मुख्य वक्ता भ्राता कृषि भूषण राजयोगी बी के भगवान भाई नांदेड, देविका रानी (JDA, बीदर), भ्राता अंसारी( DDAबीदर) ,बहन आरती पाटिल(ADA बीदर) , भ्राता सिद्धारामैय्या स्वामी, अध्यक्ष कृषिक समाज बीदर, आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।बीके महेश भाई ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट किया और ब्रह्मा कुमारीज के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग की सेवाओं की संक्षिप्त जानकारी दी और यौगिक खेती का अनुभव साझा किया।राजयोगिनी बीके सुनंदा दीदी ने अपने शुभकामनाएँ देते हूए कहा- खेती एक एकमात्र व्यवसाय है उस पर सारे उद्योग निर्भर है।भारत कृषि प्रधान देश है और हम सभी किसान हैं क्योंकि हमारे पूर्वज किसान ही थे। किसानों पर बड़ी जिम्मेवारी है क्योंकि वह अन्नदाता है। जो फसल किसान तैयार कर रहे हैं उसी से विश्व का पोषण हो रहा है। दुनिया थम जाएगी लेकिन किसान को थकना नहीं है, रुकना नहीं है। किसान अगर अपने विचारों को सकारात्मक बनाते हैं तो जल्द ही भारत स्वर्ग बन जाएगा। युवाओं को खेती में रोजगार के हजारों अवसर है आज एक युवक केवल गौशाला से हजारों मरीजों को ठीक कर रहा है एक तरफ खेती दूसरी तरफ गौशाला को अस्पताल में बदल दिया है उसके पास कैंसर के मरीज ठीक होते हैं ऐसे कई उदाहरण है। अंत मे उन्होंने सभी को प्राकृतिक खेती करने की सलाह दी।

मुख्य वक्ता राजयोगी कृषि भूषण भगवान भाई जी ने अपने संबोधन में कहा- मैं एक किसान का बेटा भूमिपुत्र हू । खेती भगवान का वरदान है। एक दाने से हजारों दाने तैयार करने का एकमात्र उद्योग कृषि है। आगे उन्होंने कहा – जैसे स्वस्थ बालक के लिए माँ का स्वस्थ होना जरूरी है, ठीक वैसे ही उत्कृष्ट अनाज उत्पादन के लिए धरती मां को भी पोषण की जरूरत है, भूमि पुत्रों को मां की सेवा करनी चाहिए. उन्होंने जीवामृत, दश पर्नी अर्क, गोकृपामृत, केंचुआ खाद आदि बनाने की विधि समझायी और लागत खर्च कम करने के लिए प्रत्येक किसानों को देशी गौपालन करने का सुझाव दिया साथ साथ प्रकृति मां को सशक्त बनाने के लिए प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया।
किसानों को अपने उत्पाद का शुल्क निर्धारित करने का पूरा हक है। वह खुद ही अपने प्रोडक्ट की वैल्यू तय करेगा तभी किसान आत्मनिर्भर बनेगा।
खेती में आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिए राजयोग बेहद जरूरी है जो ब्रह्माकुमारी द्वारा निशुल्क सिखाया जाता है। क्रॉप साइंस, सॉइल साइंस के साथ-साथ अध्यात्म समझना बेहद आवश्यक है, जिससे मन शांत और सकारात्मक रहता है।
इस् मौके पर बीदर के कृषि उपनिदेशक भ्राता अंसारी जी ने कहा- प्राकृतिक खेती का मतलब है बिना रासायनिक खाद और किट नाशक के इस्तेमाल से खेती करना।
मैं हाल ही में बेंगलुरु के देवनहाली गया था, जहाँ एक प्रगतिशील किसान अपने खेत में गाय, भैंस, बकरियाँ और मुर्गियाँ पालता है। इसके साथ वह गाय के गोबर और मूत्र से खाद बनाकर उसका उपयोग कर रहा है और डेयरी फाशमिंग, मुर्गी पालन कर रहा है। मुर्गियाँ पाल कर वह खेत में कीटों को नियंत्रित कर रहा है। महाराष्ट्र के मालेगाव मे जैविक खेती से उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगाते हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
सभी को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ आधुनिक कृषि तकनिकी का उपयोग करके फसल उगाना आवश्यक है।
उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए ब्रह्मा कुमारीज़ बहनो प्रति आभार व्यक्त किया।
संयुक्त कृषि निदेशिका देविका रानी जी ने किसानों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की तकनिकी सहायता, मदद् के लिए कृषि विभाग हमेशा से तत्पर रहेगा । उन्होंने कहा देश की उन्नति मे किसानों का अमूल्य योगदान है। मैंने देखा है अन्य स्थानो की खेती की तुलना मे हमारे जिले की खेती बेहतर है बस जरूरत है भूमि को और शक्तिशाली, तंदुरुस्त बनाने की।
कृषक समाज के अध्यक्ष सिद्धारमैया ने कहा जिले के प्रगतिशील किसानों को माउंट आबू जाकर प्रशिक्षण लेना चाहिए। जरूरतमंद किसानों को आर्थिक सहायता करने के लिए मैं तैयार हूं।
इस अवसर पर मंचासीन् सभी अधिकारियों ने अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में सभी कृषि अधिकारियों तथा स्टाफ़ को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत से किया गया। बी के पारू बहन ने मंच संचालन किया। सभी के लिए बहनो ने ब्रह्मा भोजन की भी व्यवस्था की गई थी.. सभी ने बड़े प्यार से ब्रह्मा भोजन स्वीकार किया।











