संगम गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन अभियान का शुभारंभ
समाज सेवा प्रभाव और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बीच 3 साल के लिए एमओयू साइन किया गया
वृद्ध आश्रम समाजसेवी संस्थान सामाजिक संगठनों के माध्यम और आमजन को जोड़कर किए जाएंगे कार्यक्रम!
चंदला,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय उसे सेवा केंद्र प्रभारी बीके भारती दीदी ने कहा कि बुजुर्गों के लिए सुख सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है उन्हें अपने बेटे बेटियों बहू और नाती भूतों के आत्मीयता की आवश्यकता है। उनके हाथ में जब अपने बच्चों का हाथ स्पर्श करता है तो उसे किसी भौतिक सुख सुविधाओं से नहीं मापा जा सकता है। दादा- दादी और नाना- नानी के साथ बच्चों का जो प्रेम पूर्ण भावनात्मक संवाद होता है इसकी कल्पना वही कर सकते हैं जो संयुक्त परिवार में जीते हैं। आज संयुक्त परिवारों का विघटन हो रहा है। ऐसे में हमें समाज की चेतना जागृत करने की जरूरत है। ऐसे अभियानों से लोगों में गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी। ब्रह्माकुमारी संस्था केवल उपदेश नहीं देती है।लेकिन करके दिखाती है ।गौरवपूर्ण वृद्धावस्था सम्मानित जीवन हमारी संस्कृति है। संगम का अर्थ होता है पीढ़ियों का मिलन। अनुभव और पीढ़ियों का मिलन। इस अभियान के माध्यम से ब्रह्माकुमारी संस्थान ने समाज के सबसे संवेदनशील पहलू को न केवल स्पर्श किया है, बल्कि संवेदनशीलता के साथ वरिष्ठ नागरिकों को जोड़ने का कार्य किया यह अपने आप में बहुत बड़ा उदाहरण है।
कार्यक्रम में आए हुए सभी बुजुर्गों का स्वागत तिलक और पट्टा पहनकर सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में बी.के. भारती बहन ने राजयोग मेडिटेशन से सभी को शांति की गहन अनुभूति कराई।





