उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती का समारोह मनाया गया
10 दिन तक चलेगा अभियान उत्तरकाशी में होगा भव्य समापन समारोह
श्रीनगर (उत्तराखंड)– ब्रह्माकुमारीज़ के शिपिंग एविएशन टूरिज्म विंग एवं ब्रह्माकुमारीज़ श्रीनगर गढ़वाल सेवा केंद्र के द्वारा उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष में ब्रह्माकुमारीज के श्रीनगर गढ़वाल सेवा केंद्र से “मेरी संस्कृति मेरी पहचान” अभियान की शुरुआत हुई ।

ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय निदेशक एवं सीनियर नेशनल कोऑर्डिनेटर स्पोर्ट्स विंग ब्रह्माकुमार राजयोगी भ्राता मेंहरचंद जी ने कहा कि अतीत में पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रभाव था। भारत अध्यात्म और विज्ञान का केंद्र था किंतु पराधीन कल में भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के बहुत से प्रयास हुए। किंतु आज भी भारतीय संस्कृति अपने मूल्यों को बनाए हुए हैं। आज ब्रह्माकुमारीज अनेकों कार्यक्रमों और राजयोग शिविरों के द्वारा विश्व के 140 देश में गीता में वर्णित राजयोग ध्यान के द्वारा भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान आज श्रीनगर से शुरू होकर रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, कर्णप्रयाग, ज्योर्तिमठ, गोपेश्वर, नई टिहरी, चंबा, चिन्यालीसौड़ आदि स्थानों से होकर 19 नवंबर को इसका भव्य समापन उत्तरकाशी में होगा।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता दिल्ली से पधारे जोनल कोऑर्डिनेटर साइंटिस्ट एवं इंजीनियरिंग विंग ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी ने कहा कि उत्तराखंड कई प्राचीन मठ मंदिरों, पवित्र नदियों और ऋषि मुनियों की तपस्या का स्थान है। अतीत में जगतगुरु शंकराचार्य, महात्मा गांधी, कालिदास, स्वामी विवेकानंद स्वामी रामतीर्थ स्वामी शिवानंद जैसे अनेकों तपस्वियों ने उत्तराखंड में रहकर आध्यात्मिक प्रेरणायें लेकर भारत की संस्कृति का परचम पूरे विश्व तक पहुंच गया । और अब ब्रह्माकुमारीज भी तपस्वियों और वीरों की भूमि उत्तराखण्ड से विश्व को यह संदेश देना चाहती है कि सम्पूर्ण भारत पुनः देवभूमि बनने जा रहा जिसका कार्य गुप्त रूप से बाबा केदारनाथ स्वयं पिछले 90 वर्षों से कर रहे हैं
इस कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी डॉक्टर संजय ध्यानी जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे साथ ही एडवोकेट विवेक जोशी ऑनर मोपिया रिजॉर्ट श्रीनगर एवं श्री अप्पल रतूड़ी अध्यक्ष होटल एसोसिएशन श्रीनगर भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे.
इस कार्यक्रम में अंबाला से पधारे ब्रह्माकुमारी शैली बहन जी ने संस्था का और खास पर्यटन विभाग का परिचय देते हुए सुनाया की ब्रह्माकुमारी संस्था विगत 90 वर्षों से समाज में मूल्य की पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य उत्तराखंड को धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास करना है I
कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के एन एस एस के छात्र-छात्राओं द्वारा गढ़वाली, जौनसारी एवं कुमाऊनी परिधान में उत्तराखंड के परंपराओं एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर जे.के तिवारी, प्रोफेसर राकेश नेगी भोपाल चौधरी कमला गोयल उमा जोशी आदि मौजूद रहे
इस अभियान की श्रृंखला में अनेक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए


गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती स्थापना वर्ष समारोह में ब्रह्माकुमारीज के राजयोगी भाई बहनों को आमंत्रित किया गया। इस समारोह में विशेष दिल्ली से पधारे ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी ने स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड 25 वर्ष पूरा कर युवा राज्य बन चुका है, भारत को विश्वगुरु बनाने में युवा उत्तराखंड के युवाओं की बहुत मुख्य भूमिका है। उन्होंने विशेष युवाओं को नशे से दूर रहने का आह्वान किया और सभी को राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति भी करवायी.
रिवरसाइड होटल मलेथा टिहरी गढ़वाल में Service With Smile विषय पर होटल कर्मचारियों के लिए ब्रह्माकुमारीज के पर्यटन प्रभाग द्वारा उत्साहवर्धक ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन जी ग्वालियर ने कहा कि मुस्कान के साथ सेवा करने से हमें सबकी दुआएं मिलती है।
सशस्त्र सीमा बल परीक्षण संस्थान श्रीनगर में STOP Worrying Start Enjoying विषय पर आदरणीय राजयोगी ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी द्वारा व्याख्यान दिया गया I साथ ही ब्रह्माकुमारी बहनों ने DIG सुभाष चंद नेगी जी को ईश्वरीय सौगात दी।











