बच्चे राष्ट्र का भविष्य है और इस भविष्य को सही दिशा घर के बुजुर्ग ही दे सकते हैं- ब्रह्माकुमारीज़
परिवार केवल रक्त का संबंध नहीं ,बल्कि संस्कारों का मिलन है-ब्रह्माकुमारीज
छतरपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर पर बाल दिवस के अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा दीदी के मार्गदर्शन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें एक ओर अनुभव की गहराई के लिए दादा दादी और वही दूसरी ओर उमंग उत्साह से भरे पोता पोतियां सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए बीके कल्पना ने कहा कि हमारे प्रिय चाचा नेहरू सदा कहा करते थे कि “बच्चे बगीचे के फूल होते हैं जिन्हें प्रेम स्नेह से संवारना चाहिए क्योंकि वही राष्ट्र का भविष्य है।” लेकिन आज हमारे राष्ट्र का भविष्य जिस दिशा में जा रहा है वह बड़ी चिंता का विषय है। आज उनको प्रेम स्नेह से संवारने वाले हाथ उनके सिर तक भी नहीं पहुंच पा रहे क्योंकि बच्चे अपने बड़े बुजुर्गों के पास बैठना और खेलना पसंद नहीं करते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ब्रह्माकुमारीज़ ने बाल दिवस को एक नया रूप प्रदान किया और बच्चों के प्रतिभा विकास में दादा- दादी, नाना -नानी के योगदान को समझाने के लिए तीनों पीढि़यों को एकजुट किया ताकि बच्चे अपने बड़े बुजुर्गों के महत्व को समझ सकें।
बीके रीना ने अपनी संबोधन में कहा कि यह संगम केवल परिवार का नहीं बल्कि दो पीढ़ियों का मिलन है, दादी, दादा परिवार की जड़ है, तो पोता पोतीं जड़ से जुड़े हुए वह नन्हे फूल हैं जिनको खिलने के लिए जड़ से जुड़े रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि उसी फूल का भविष्य सुनहरा होता है जो सदैव जड़ से जुड़े रहते हैं।
इस कार्यक्रम में नन्हे मुन्ने बाल कलाकारों ने अपने दादा-दादी जी के लिए और उनके साथ मिलकर अनेक पुराने गीतों पर डांस किया वहीं दूसरी ओर गुलाब का फूल देकर उनका सम्मान किया और दादा-दादी ने बच्चों को टाँफियां गिफ्ट कीं। यह बहुत ही अद्भुत क्षण था जो दो पीढि़यों को एक दूसरे से जोड़ रहा था।
इस मौके पर ब्रह्माकुमारी बहनों के मार्गदर्शन पर सत्यशोधन आश्रम के बच्चों द्वारा एक शिक्षाप्रद नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गईं साथ ही एक डांस एक्टिविटी की गई वहीं दूसरी ओर 9 साल की बच्ची राधिका सोनी ने बहुत सुंदर भजनों का गायन किया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन सुरेंद्र सिंह परिहार के द्वारा किया गया और उन्होंने बच्चों को डिजिटल डिटॉक्स के बारे में बताया साथ ही बड़ों की सानिध्य में रहने का महत्व समझाया।
इस कार्यक्रम में सत्यशोधन आश्रम संचालक देवेंद्र भंडारी एक्सीलेंस स्कूल पूर्व प्राचार्य इसके उपाध्याय समाजसेवी शंकर लाल सोनी, वृद्ध आश्रम संचालिका प्रभा विदु उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम के अंत में सभी वरिष्ठ नागरिकों ने इस आयोजन के लिए बहनों को धन्यवाद दिया और सभी के चेहरों पर किसी खोई हुई वस्तु के मिल जाने पर जो खुशी होती है वह दिखाई दी







