कर्मों को कुशल बनाता गीता राजयोग-ब्रह्मा कुमार नारायण भाई
अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। वर्तमान समय में कर्म का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। बिना कर्म के सफलता पाना संभव नहीं है। कोई भी कर्म अगर हम परमात्मा की याद में रहकर उठाते हैं तो वह कर्म श्रेष्ठ बनते हैं बंधन में नहीं बांधते हैं। इसकी बजाय अपने को देह समझ कर कर्म करते हैं तो वह कर्म आत्मा को बांध लेते हैं। कर्म करते हुए कर्म फल से मुक्त रहना यही गीता का संदेश है। यह विचार इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग मध्य प्रदेश के संयोजक ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने भारत की चौकी पर स्थित हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं को गीता जयंती के अवसर पर गीता का विद्यार्थी जीवन में महत्व विषय पर संबोधित करते हुए बताया कि सृष्टि के अंतर्गत सभी जीव-जंतु अपना-अपना कर्म करते हैं, यही गीता का कर्म प्रधान सिद्धांत है, जिसे हर मनुष्य को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले हर व्यक्ति को स्वयं को पहचानने की आवश्यकता है, क्योंकि श्रीमद्भगवद्गीता में भी ‘मनमना भव, मध्याजी भव’ का संदेश दिया गया है। परमपिता परमात्मा को पहचानकर अपने कर्मों को श्रेष्ठ दिशा देना ही जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। हमें प्रत्येक दिन सोने से पूर्व व प्रातः उठने के पश्चात मेडिटेशन करने से मन शांत होता है। एक अच्छी एकाग्रता में मन का शांत होना आवश्यक है। जिससे हमारा भविष्य उज्जवल बनता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की प्राचार्य अंजू सिसोदिया ने की। उन्होंने अतिथियों के स्वागत उपरांत कहा कि आज पूरे भारत में गीता के महत्व और उसकी उपयोगिता पर विशेष कार्य हो रहा है। नई पीढ़ी के लिए गीता का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे जीवन की प्रत्येक चुनौती का समाधान पा सकें। आज विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ सुसंस्कृत बनाने में गीता जैसा ग्रंथ का काफी योगदान है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय प्रोफेसर सीताराम गोले ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों को अनुशासित जीवन जीने तथा अध्ययन के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहने की प्रेरणा दी। बताया किकर्म व्यक्ति को करते रहना चाहिए यह सृष्टि कर्म प्रधान है जो जैसा करता है उसको वैसा ही प्रतिफल मिलता है। आज व्यक्ति दुखी परेशान होने का कारण स्वयं की पहचान नहीं है। गीता स्वयं का बोध कराती है। ब्रह्माकुमारी सानिया बहन ने सभी को नशा मुक्त रहने के लिए इलेक्ट्रॉनिक साधनों से अपने को दूरी बनाए रखना, बीडी सिगरेट गुटका तंबाकू आदि के सेवन से अपने को दूर रखना, जिससे हमारा विद्यार्थी जीवन सुरक्षित रहे हमारा मस्तिष्क शक्तिशाली रहे।
सांस्कृतिक प्रस्तुति के रूप में अर्जुन भाई द्वारा ईश्वर हमारे साथ है तो डरने की क्या बात है मधुर गीत प्रस्तुत किए गए, जिन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अंत में कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन कुशल चौहान द्वारा किया गया।
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए ज्ञान, प्रेरणा और संस्कारों का अद्भुत संगम साबित हुआ।




गीता का वर्तमान जीवन में उपयोगिता अवसर पर श्रीमद् भागवत गीता फोल्डर का विमोचन करते हुए संत योगेश्वर शास्त्री ,बहन संध्या पांडे समाजसेवी, भ्राता सुधीर जैन एडवोकेट समाजसेवी, भ्राता अरविंद गहलोत प्रिंसिपल, ब्रह्मा कुमार नारायण भाई इंदौर, ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन संचालिका, भ्राता भेरु प्रिंसिपल ।



