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वड़ोदरा-अटलादरा: राजयोगिनी शीलू दीदी जी के शुभ सानिध्य में अटलादरा में हुआ गहन योगभट्ठी का आयोजन

व्यापारी बंधुओं के लिए विशेष शांति अनुभूति सेमिनार का भी आयोजन किया गया

वड़ोदरा-अटलादरा,गुजरात: अटलादरा सेवाकेंद्र में ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय माउंट आबू  के पांडव भवन से राजयोगिनी शीलू दीदी जी का 2 दिवसीय गहन योग भट्टी कराने हेतू शुभ आगमन हुआ।
इस अवसर पर उत्साहित भाई बहनों ने दीदी जी का अति उमंग एवं उत्साह के साथ स्वागत किया।

सभी भाई बहनों ने आदरणीय दीदी जी का बहोत ही सहृदय से प्रेम पूर्वक सम्मान किया। तत्पश्चात दीदी जी ने सुबह और शाम गहन योग अनुभूति भट्टी कराई। भट्टी में दीदी जी ने विशेष रूप से योग के साथ नैतिक मूल्यों की धारणा स्वयं में बढ़ाने पर विशेष रूप से बल दिया और साथ-साथ अपनी लंबी आध्यात्मिक जीवन यात्रा की सुखद एवं अनुभवयुक्त संस्मरण भी सभी भाई बहनों को सुनाए।

अनिश्चितता को अवसर बनाएं टॉपिक पर व्यापारी बंधुओं के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें विशेष अतिथियों के रूप में  पधारे1)  केयर ग्रुप की सीईओ पारुल बेन दवे 2)  केमकोन इंडस्ट्री से कमलभाई अग्रवाल पिंकी बन अग्रवाल3) गुजरात मित्र के एडिटर देवेंद्र भाई पंजरोलिया 4)  गुजरात मित्र के डिजिटल एडिटर वैशालीबेन व्यास5) आनंद आश्रम फाउंडर  के.एस छाबड़ा 6) प्रकाश केमिकल से दिलीप भाई शाह ।

शीलू दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में व्यापारी बंधुओं को यही संदेश दिया की व्यापार हो या जीवन या हमारे संबंध हर जगह जीवन किन्हीं ना किन्हीं अनिश्चितताओं से घिरा ही रहता है इन सभी का एक मूल समाधान है हमारे आंतरिक मूल्यों की शक्ति। क्योंकि जब तक हमारे अंदर मूल्य नहीं होते तो हम परिस्थितियों और लोगों को अपनी शर्तों या इच्छाओं के अनुसार देखना चाहते हैं जोकि संभव नहीं होता और इसी कारण एक दूसरे को सम्मान देने के बदले  एक दूसरे पर दोषारोपण करना शुरू कर देते हैं यह प्रवृत्ति व्यापार में भी सुधार और संगठन को मजबूत करने के बजाय एक दूसरे से असंतोष और अविश्वास पैदा करती है और कोई भी समस्या आने पर हम नर्वस या एक दूसरे से नाराज होने लगते हैं ऐसे में हमारा ध्यान समाधान की जगह समस्या में उलझ जाता है इसीलिए हमें मेडिटेशन को अपने जीवन का हिस्सा बनकर शांति के गुण को अपनी शक्ति बना लेना है एक शांत मन के साथ हमारी प्रतिक्रियाएं भी सकारात्मक होती हैं हमारे निर्णय भी समाधान पूर्ण होते हैं और संबंधों में भी आपसी समझ और स्वीकार्यता आ जाती है और यही शांति की शक्ति हमें व्यापार हो या जीवन का कोई भी भाग, हर जगह समाधान और अवसर देखने की दृष्टि देती है और हम परिस्थिति को नए अनुभव और अवसर के रूप में बदल देते हैं। 

अपने उद्बोधन के बाद दीदी ने 5 मिनट योग कमेंट्री के द्वारा सबको गहन शांति की अनुभूति कराई जिससे सभी ने स्वयं में अनूठी मानसिक शांति का अनुभव किया।

के.एस छाबड़ा जी ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा की आज मैं कहीं और जा रहा था लेकिन परमात्म प्रेरणा से यहां आ गया और आने के बाद दीदी जी की वाणी सुनकर मुझे मेरे भूत वर्तमान और भविष्य से जुड़े हुए कई सवालों के जवाब मिल गए मैं शीलू दीदी जी के लिए यही कहूंगा कि आप शिव बाबा के सच्चे फरिश्ते हैं और आज आपने यहां आए हुए अनेक लोगों की आत्मा की ज्योति को और भी प्रकाशित कर दिया है |
वैशाली व्यास ने कहा कि दीदी जी के उद्बोधन सुनने के बाद मैं अपने आप को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर अनुभव कर रही हूं। अपने कार्य क्षेत्र में जब भी मैं थकान या तनाव अनुभव करती हूं तो मैं यहां सेवाकेंद्र पर आ जाती हूं और यहां पर मुझे एक परिवार की तरह स्नेह और प्यार का अनुभव होता है और मैं फिर से यहां के प्यार और वातावरण में चार्ज हो जाती हूं। इसीलिए मेरा यह पूरा विश्वास है कि सभी को राजयोग कोर्स जरूर करना चाहिए क्योंकि आध्यात्मिकता हमारी मानसिक स्थिति को मजबूत करती है और यही सकारात्मक ऊर्जा हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
सत्र के बाद सभी ने सत्र में प्राप्त प्रेरणाओं और सकारात्मक अनुभवों को साझा करते हुए यह स्वीकार किया की शांति और योग द्वारा जागृत मूल्यों की शक्ति हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है और हम इन्हें अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा इस कार्यक्रम से लेकर जा रहे हैं। फिर ब्रह्मा भोजन के साथ कार्यक्रम पूर्ण हुआ। 
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