ब्रह्माकुमारीज़ के भाग्यविधाता भवन में पहुंचे 500 से अधिक किसान बंधू
शाश्वत यौगिक खेती खेती का महत्व बताने पहुंचे माउंट आबू से योग साधक
बैतूल,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में भाग्य विधाता भवन बैतूल में आज आयोजित कार्यक्रम स्वर्णिम भारत की पहचान आत्मनिर्भर किसान का आयोजन हुआ, जिसमें 500 से अधिक ग्राम सरपंच सचिव, किसान बंधु, कृषि अधिकारी एवं ग्राम विकास तथा कृषि से जुड़े महानुभाव ने भाग लिया इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्मा कुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग (RERF) के उपाध्यक्ष राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान समय शाश्वत योगिक खेती को अपनाना बहुत जरूरी है क्योंकि कहते हैं जैसा अन्न वैसा मन होता है। अन्न का प्रभाव मन पर और मन का प्रभाव तन पर होता है। अगर तन और मन को स्वस्थ रखना है तो हमें प्राकृतिक तरीके की शाश्वत यौगिक खेती को अपनाना होगा इसलिए आज आवश्यकता है कि हम अपनी पारंपरिक कृषि पद्धति को अपनाकर तथा राजयोग के माध्यम से प्रकृति के साथ सम्बद्ध होकर पूर्ण रूप से सात्विक और शक्तिशाली अन्न की उपज करे जिससे हमारा देश और किसान समृद्ध और खुशहाल हो सके। कोल्हापुर से पधारे ब्रह्मा कुमार बाला साहब ने शाश्वत योगिक खेती के अपने प्रयोगों और अनुभव को सभा में उपस्थित सभी लोगों से साझा किया और कहा की अनेक वैज्ञानिक शोध हमें यही इशारा देते हैं की वर्तमान खेती में रसायनों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य, जमीन और आने वाली पीढ़ी सभी के लिए हानिकारक है। उन्होंने आइंस्टाइन का उदाहरण देते हुए कहा की विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों एक दूसरे के पूरक है और हम स्वर्णिम भविष्य की कल्पना करते हैं जो दोनों के सामंजस्य से ही संभव है।
बैतूल हरदा क्षेत्र के सांसद महोदय डीडी उईके जी ने अपने वक्तव्य में कहा की पहले की कृषि बहुत आकर्षक व मनभावन थी तो हमें भी पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाना है और पारंपरिक पद्धति को अपनाना है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार , कृषि वैज्ञानिक विजय वर्मा , लायंस क्लब बैतूल के अध्यक्ष प्रताप देशमुख, ब्रह्माकुमारी रेखा बहनजी (मुरैना) ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी, बैतूल , ब्रह्मा कुमारी सुनीता दीदी,सरणी , ब्रह्मा कुमार नंदकिशोर भाई मुख्य रूप से उपस्थित थे कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी अरुणा दीदी ने राजयोग का अभ्यास कराया तथा सभी को शाश्वत योगिक खेती अपनाने का संकल्प कराया। कार्यक्रम में पधारे सभी अन्नदाता किसान बंधुओं को ब्रह्मा भोजन स्वीकार कराया गया।
सभी ने कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और ब्रह्मा भोजन प्राप्त कर अपने को धन्य अनुभव किया।