मंच पर बाएं से दाएं विजय एजुकेशन सोसाइटी सचिव संजय सेंगर, शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य संजीव सिंह,हायर सेकेंडरी स्कूल लालपुर की प्राचार्य सुदीप्ता शर्मा,केंद्रीय विद्यालय झगड़ाखांड के प्राचार्य वाई के सोलंकी, विकास खंड शिक्षा अधिकारी गिरीश कुमार कुरचानियां, शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज बाला श्याग विश्नोई, वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बी के माधुरी एवं बीके चितरेखा
मनेंद्रगढ़,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, मनेंद्रगढ़ के द्वारा शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर मनेंद्रगढ़ नगर पालिका क्षेत्र एवं आंचलिक ग्रामीण क्षेत्रों के उत्कृष्ट प्रतिभावान 80 शिक्षकों का ऐतिहासिक शिक्षक सम्मान समारोह में आत्मीय भाव से सम्मान किया। इस अवसर पर आमंत्रित शिक्षकों का बी के अनीता ने रोली चंदन से स्वागत किया। सम्मान समारोह में मंच पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी गिरीश कुमार कुरचानियां, शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज बाला श्याग विश्नोई, केंद्रीय विद्यालय झगड़ाखांड के प्राचार्य वाई के सोलंकी, शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य संजीव सिंह, हायर सेकेंडरी स्कूल लालपुर की प्राचार्य सुदीप्ता शर्मा, विजय एजुकेशन सोसाइटी सचिव संजय सेंगर, वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बी के माधुरी एवं बीके चितरेखा उपस्थित थे। मनेंद्रगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के शासकीय एवं निजी विद्यालयों के लगभग 80 शिक्षकों का ब्रह्माकुमारीज़ मनेंद्रगढ़ की ओर से बीके माधुरी व बी के अनिता ने सम्मान पत्र, श्रीफल एवं अध्यात्मिक संदेश के साथ समान पट्टीका एवं प्रसाद प्रदान कर शिक्षकों का विधिवत सम्मान किया।इस अवसर पर बीके माधुरी ने-” स्वर्णिम भारत के लिए नई शिक्षा “विषय पर आधारभूत वक्तव्य देते हुए कहा कि स्वर्णम भारत का आधार केवल शिक्षा नही किंतु मूल्यनिष्ठ शिक्षा है। यदि हम विद्यार्थियों को भारत का भविष्य बनाना चाहते है तो उनके जीवन को मूल्य सम्पन्न बनाना होगा। और इसके लिए पहले हम शिक्षकों को उनके सामने एक आदर्श उदाहरण बनना होगा। उन्होंने सभी शिक्षकों का आह्वान किया कि सभी अपने विद्यालय परिसर को एंगर फ्री ज़ोन बनाएं। और सभी सम्मानीय अतिथियों ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मनेंद्रगढ़ के उत्कृष्ट कार्यों के साथ शिक्षा जगत के उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करने की स्वस्थ परंपरा की भूरी भूरी प्रशंसा की। आमंत्रित अतिथियों ने स्वर्णिम भारत के लिए शिक्षा पर अपना महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए शिक्षकों को अपने दायित्व निर्वहन का संदेश भी दिया। कार्यक्रम का संचालन राजयोग शिक्षिका बी के चितरेखा ने किया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्राचार्य सहायक अध्यापक, प्रशिक्षण अधिकारी, व्याख्याता, सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक संगीत शिक्षक, योग शिक्षक एवं विभिन्न विषय विशेषज्ञ शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।