नागपुर: ब्रह्माकुमारी बहनों ने मानवता की सेवा में किया अपना जीवन समर्पण

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नागपुर,महाराष्ट्र: आध्यात्मिक साधना का पथ तलवार की धार के समान होता है, जिसमें कदम कदम संभल कर चलना होता हैं। त्याग, तपस्या और सेवा के पथ पर, संयम के मार्ग पर चलने का निर्णय चलने का सबसे बडा समर्पण है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के जामठा स्थित विश्व शांति सरोवर, जामठा में गुरुवार को हुए अलौकिक समर्पण समारोह में 10 कुमारियों ने अपना जीवन समाज सेवा तथा जन कल्याण के लिए अर्पित करने का निर्णय किया। नागपुर से बी.के. हर्षाली बहन, बी.के. गायत्री बहन, बी.के. त्रिवेणी बहन, बी.के. आशा बहन, बी.के. करिश्मा बहन, बी.के. गायत्री बहन, बी.के. अंकिता बहन तथा गोंदिया से बी.के. सुनिता बहन, वर्धा से बी.के. तृप्ति बहन और वरठी से बी.के. हेमा बहन इन्होंने परमपिता परमात्मा शिव को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी 5000 लोग बने।

इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका माऊंट आबू से आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मुन्नी दीदी जी पधारे थे। उन्होंने समर्पित होने वाली कुमारीयों के प्रति समर्पित जीवन का महत्व तथा जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुये आर्शिवचन प्रस्तुत किये।  इस समर्पित जीवन का दृढ़ता से पालन करते हुए, ईश्वरीय मर्यादाओं पर चलने के लिये प्रतिज्ञाएँ करवाई। इस जीवन का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा, की वफादार बन कर रहना है, ईमानदारी से चलना है। सत्यता पर चलना है। सदा जी हुजुर का पाठ निभाना है। बड़ों के आज्ञाकारी बनकर चलना है। अपने हर संकल्प, बोल, और आंतरिक ऊर्जा को ईश्वरीय सेवाओं में सफल करना है। सदा खुश रहना है। सदा संतुष्ट रहना है। सबको दुआएं देनी है और लेनी है। समर्पित जीवन के मुल मंत्र से उन्होंने अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जीवन को परिवर्तन करने वाले दादी प्रकाशमणी जी ने निमित्त, निर्माण, निर्मल वाणी का मंत्र जीवन में धारण करे तो जीवन परिवर्तन हो जायेगा। 
कार्यक्रम के आरंभ में नागपुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी ने शब्द सुमनों से आदरणीय मुन्नी दीदी जी तथा साथ में माउंट आबू से पधारे हुए बी.के. देव भाई, बी.के. प्रकाश भाई, बी.के. ईश्वर भाई, बी.के. चेतन भाई, बी.के. विलास भाई, बी.के. पाल भाई, बी.के.राहुल भाई, बी.के. दत्ता भाई, बी.के. प्रदीप भाई, गुजरात अहमदाबाद से पधारी ब्रह्माकुमारी नेहा बहन, ब्रह्माकुमारी शालीनी बहेन, मुंबई से पधारे भ्राता डॉ प्रवीण कुमार जैन और डॉ मीता मेहता का स्वागत किया। इस अवसर पर भ्राता श्री शिवकिशन जी अग्रवाल, प्रो. हल्दीराम भुजियावाला अपने परिवार सहित पधारे थे।
इस समय कई नृत्य के साथ नृत्य नाटिका को भी प्रस्तुत किया गया।

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