बहल-मंढोली कलाँ: शिक्षक दिवस पर हुआ कार्यक्रम

0
221

शिक्षक दिवस पर शिक्षको को सम्बोधित करने के पश्चात विद्यालय के संचालक भ्राता दयानन्द भाम्भू जी को ईश्वरीय सौगात देते हुवे बी के शकुन्तला दीदी । साथ मे हैं विद्यालय की प्राचार्या बहन रेमन जी ।

बहल-मंढोली कलाँ(हरियाणा) शिक्षक दिवस पर मंढोली कलाँ गाँव मे कल्पना चावला मेमोरियल (KCM) वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में “सशक्त राष्ट्र की नींव- सशक्त शिक्षक” विषय पर 25 अध्यापकों को सम्बोधित किया ।बहल केंद्र संचालिका बी के शकुन्तला दीदी ने कहा कि एक सफल अध्यापक उसे कहा जाए जो अपने भीतर के शिक्षक को कभी सोने न दे । यदि शिक्षक जागरूक नही रहेगा तो आने वाली पीढियां आलसी और अकर्मण्य हो जाएंगी ।शिक्षण का कार्य कोई जॉब नही है ,यह तो उच्च कोटि की मानवता की सेवा है ।जिसका मूल्य कोई चुका नही सकता ।डॉ सर्व पल्ली राधाकृष्णन, जिनकी याद में यह दिन मनाया जाता है वे भी भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले एक शिक्षक थे । वर्तमान में भारत की नंव निर्वाचित महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी अपना सार्वजनिक जीवन शिक्षण कार्य  से ही आरम्भ किया था ।उन्होंने शिक्षकों को उनका कर्तव्य बोध कराते हुवे “लाइट हाउस ” का टाइटल दिया और मेडिटेशन द्वारा सुबह सवेरे 30 मिनट अपने को परमात्म ऊर्जा से भरपूर होनेके लिए समय निकालने की प्रेरणा दी ।
विद्यालय के संचालक भ्राता  दयानंद भाम्भू  ने कहा कि आज शिक्षकों के सामने अनेक चुनोतियाँ हैं फिर भी शिक्षक वर्ग अपने दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं ।उन्होंने कहा कि शिक्षक किताबी शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों को अपने जीवन की किताब से मूल्यों की शिक्षा देने का काम भी करें ।
विद्यालय की प्राचार्या बहन रेमन ने कहा कि आज आपके ऊर्जा भरे शब्दों ने हमारे विद्यालय के सभी अध्यापकों को ऊर्जावान कर दिया है ।उन्होंने कहा कि आप अध्यापकों को समय प्रति समय आकर उमंग उत्साह से भरपूर करें  तो ये सब अपने कर्तव्य के प्रति और अधिक जागरूक होकर लगे रहेंगे ।
अंत मे बी के शकुन्तला दीदी ने विद्यालय की प्राचार्या बहन रेमन जी को मोमेंटो,प्रसाद व साहित्य भेंट किया ।

शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में मंढोली कलाँ गाँव के KCM सीनियर सेकेंडरी स्कूल में  शिक्षकों को सम्बोधित करने के बाद विद्यालय की प्राचार्या बहन रेमन जी को ईश्वरीय सौगात ओर साहित्य देते हुवे बी के शकुन्तला दीदी ।साथ मे हैं विद्यालय के संचालक दयानन्द भाम्भू जी और सभी शिक्षक गण ।

विद्यालय का प्रवेश द्वार

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें