आबू रोड: ब्रह्माकुमारीज संस्थान के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

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व्यापार में सफलता के लिए भी जरूरी है ईमानदारी जैसे मूल्य-मुंजाल
हीरो साइकिल समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मुंजाल ने की राजयोग ध्यान

आबू रोड,राजस्थान। आर्थिक धनोपार्जन हो या व्यापार सबमें सफलता के लिए मानवीय मूल्यों की जरूरत होती है। व्यापार में उतार चढ़ाव के बीच जीवन में समानता बनाये रखने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान जरूरी है। जब मुश्किलों का पल हो तो उसमें संतुलन के लिए एक ताकत की जरूरत होती है। उक्त उद्गार हीरो साइकिल समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मुंजाल ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा आयोजित व्यापारियों के सम्मेलन में सम्बोधित करते हुए कही। 
उन्होंने कहा कि धन कमाना गुनाह नहीं है परन्तु उसमें एक ऐसा संतुलन होना चाहिए। जिससे किसी व्यक्ति को कोई कष्ट ना हो। जब हम धनोपार्जन करते है तो उस समय हमारी अवस्था ऐसी होनी चाहिए। जिससे किसी प्रकार की लालच जैसी चीजों का ज्यादा भाव ना हों। नफा नुकसान में समान स्थिति के लिए राजयोग ध्यान करना जरूरी है। जबसे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के परिसर में आया हूँ। तब से लग रहा है कि किसी अन्य दुनिया में आ गया हूॅं। यहॉं की व्यवस्था, रहन सहन हर तरह की चीजों का अलग व्यवस्था है। परमात्मा का ज्ञान मनुष्य का जीवन बदल देता है। इसलिए हमें अपने जीवन में उसे अपनाना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने कहा कि सबसे बड़ा ज्ञान धन है। जिसके जीवन में ज्ञान धन है उसे स्थूल धन की भी कमी नहीं होती है। क्योंकि स्थूल धन का आधार भी ज्ञान धन है। चाहे आध्यात्मिकता का ज्ञान हो या किसी व्यक्तिगत के बारे में। जहां ज्ञान नहीं वह हर चीज का अभाव देखने को मिलते हैं। हम सब एक परमात्मा की बच्चे हैं। इसलिए यही भाव रखकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष ने कहा कि हमारी जैसी आंतरिक स्थिति होगी वैसी ही दुनिया में हमें दिखाई देती है। इसलिए हमें अपनी आंतरिक स्थिति को बहुत श्रेष्ठ सकारात्मक बनाना चाहिए। 

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की अध्यक्षा मुम्बई के विले पार्ले की प्रभारी बीके राजयोगिनी बीके योगिनी ने कहा कि जब व्यापार में होते है तो हमें ज्यादा कमाने की लालच हमें बुरे रास्ते पर धकेल देती है। इसलिए संतुष्टता की शक्ति कम हो जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि हम धन तो कमाते है परन्तु सुख और चैन का अभाव होता है। इसलिए जीवन में संतुष्टता लाने के लिए अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाने की जरूरत होती है। प्रतिदिन जीवन में राजयोग को अपनाने का प्रयास करेंगे तो जीवन तनाव मुक्त हो जायेगा। कार्यक्रम में प्रभाग की प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके गीता, प्रभाग के एक्टिंग सदस्य बीके मोहन, बीके राजसिंह समेत कई लोग उपस्थित थे। 

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