उप-कारागार में अपराधमुक्त जीवन और व्यवहार शुध्दी विषय पर प्रोग्राम

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इस्लामपुर, (पश्चिम बंगाल):

उप-कारागार  में अपराधमुक्त जीवन और व्यवहार शुध्दी विषय पर प्रोग्राम  

•       आयोजक–स्थानीय ब्रह्माकुमारी  सेवाकेंद्र इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल)

•       मुख्य वक्ता –ब्रह्माकुमार भगवान भाई माउंट आबू

•       विषय –- अपराधमुक्त जीवन और व्यवहार शुध्दी

  • जेल अधीक्षक-सुदीप दास

•       बी के पुष्पा बहन स्थानीय ब्रह्माकुमारी प्रभारी इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल)

•       बी के रिंकू  बहन राजयोग शिक्षिका इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल)

•       बी के तृप्ति  बहन इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल)मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। गलत संगत, नशा, सिनेमा और क्रोध अपराध कराता है।

अपराध मुक्त बनने गलतियों को महसूस करना जरूरी है। यह बात उप-जेल में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि माउंट आबू से आए भगवान भाई ने कही। वे अपराध मुक्त जीवन और व्यवहार शुध्दी विषय पर संबोधित कर रहे थे।

भगवान भाई ने कहा कि कर्म ही मनुष्य को अच्छा और बुरा बनाता है। उन्होंने कहा जेल को सुधारगृह मानकर परिवर्तन का केंद्र मानकर अपनी गलतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। मानव जीवन अमूल्य है। उन्होंने कहा कि इंद्रियों को संयमित कर हम अपने जीवन को अपराध मुक्त कर सकते हैं। भगवान् भाई ने कहा कि   व्यक्ति को अपने अंदर देखकर जीवन के उद्देश्य की पहचान करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जीवन की हर घटना के पीछे कुछ न कुछ कल्याण होता है। मनुष्य को अपना मन प्रभु चिंतन में लगाना चाहिए। व्यक्ति को हर घटना पर जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा वह भी अच्छा होगा और जो हो रहा वह अच्छा हो रहा है जैसी सोच रखनी चाहिए।

  • राजयोग केन्द्र पुष्पा  बहन ने कहा कि मनुष्य को कभी भी अपने उद्देश्य से भटकना नहीं चाहिए। जब तक मनुष्य अपने आप को नहीं पहचान सकता, तब तक वह भटकता रहता है। मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में करके ही सही मार्ग पर चल सकता है।

•       जेल अधीक्षक-सुदीप दास जी ने कहा कि व्यक्ति  क्रोध से  आंतरिक रूप से अकेला, बेसहारा, कमजोर, अपमान जनक महसूस करता है। साथ ही मनुष्य की शांति एकाग्रता भंग हो जाती है।

  • बी के रिंकू बहनजी  ने  कहा कि मनोबल बढ़ाने के लिए मनुष्य को मानसिक कसरत करना जरूरी है। जीवन में परिस्थिति आएगी लेकिन धैर्यता जरूरी है.
  • कर्यक्रम के अंत में मनोबल बढाने हेतु  राजयोग का अभ्यास भी कराया गया.
  • सभी को साहित्य और ईश्वरीय सन्देश के पर्चे भी बाटा गया.

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