गुजराती डांडिया बना मां की आराधना का माध्यम
दुर्गुणों का नाश करना ही दुर्गा मां की सच्ची आराधना है- बी के शैलजा
छतरपुर,मध्य प्रदेश। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होते ही देश – प्रदेश के साथ ही छतरपुर नगरी भी मां शक्ति की आराधना में डूब चुकी है । जगह-जगह मां के पंडाल जहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है तो वहीं पूरा शहर दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार हो गया है । हर भक्त अपनी तरह से मां की भक्ति मे लीन नजर आ रहा है ।
वहीं नवरात्र के पहले दिन से ही शहर का मुख्य आकर्षण – शहर के हृदय स्थल पर स्थित ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय बना हुआ है जहां शिवशक्ति के चैतन्य स्वरूप में तपस्विनी समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनों को अपनी तपस्या की शक्ति का वरदान देने के लिए भक्तों के समक्ष देवी के रूप में प्रकट किया जाता है जो प्रातः 4:00 बजे ब्रह्ममुहूर्त में परमात्मा शिव से राजयोग का अभ्यास कर शक्ति अर्जित करती हैं वही शक्ति का वरदान वह अपने भक्तों को देवी के रूप में प्रदान करती हैं।
नवदुर्गा की द्वितीय दिवस दुर्गा मैया, सरस्वती मैया और लक्ष्मी मैया के स्वरूप के दर्शन किए गए जिसमें गहोई समाज की महिलाओं ने लाल परिधान में सजकर गरबा के माध्यम से अपनी भक्ति प्रदर्शित की साथ ही अनेक प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। जिसमें हम फाउंडेशन की प्रांतीय उपाध्यक्ष कोमल टिकरिया, संगीता टिकरिया सहित गहोई समाज अध्यक्ष संगीता टिकारिया और गहोई समाज की अन्य माताएं बहनें उपस्थित रहीं।
झांकी के तृतीय दिवस शक्ति स्वरूपा अष्ट भुजाधारी मां दुर्गा,खप्पर वाली मां महाकाली, धन की देवी लक्ष्मी से भक्तों ने अनेकानेक वरदानों से अपनी झोलियां भरी। सारा ब्रह्माकुमारीज़ प्रांगण मां के जयकारों से गूंज उठा। इस दिवस अग्रवाल समाज की माताएं, बहनें, भाई, एवं स्वर्णकार समाज के जिला अध्यक्ष विनोद सोनी जी नगर अध्यक्ष चेतन सोनी सहित समाज के अन्य लोग भी शामिल हुए । वहीं चौथे दिन लायंस क्लब की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर के गरबा नृत्य में माता रानी की प्रथम आरती में भाग लिया।
माताओं बहनों ने गुजरात के प्रसिद्ध डांडिया नृत्य द्वारा मां की आराधना की। गरबा डांडिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का यह अनूठा संगम इस आयोजन को और भी खूबसूरत बना रहा है ।
ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय की छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी ने अपने वक्तव्य में कहा की जो दुर्गुणों का नाश करें वही दुर्गा मैया का सच्चा भक्त कहलाने के योग्य होता है हम भक्ति कितनी भी करें लेकिन अवगुण बुराइयां हमें उस भक्ति की शक्ति से वंचित कर देती हैं। आदरणीय बहन जी ने विद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराते हुए बताया कि विगत 25 वर्षो से हम नवरात्रि मे चैतन्य झांकी छतरपुर जिले मे लगाते आ रहे है । इस वर्ष हमनें आयोजन को पूरे नौ दिन तक आयोजित करने का निर्णय लिया है । मां की प्रथम आरती शाम 6 बजे तथा अंतिम आरती रात 9 बजे की गई। उन्होंने सभी नगर वासियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी नगरवासियों का सपरिवार इस आयोजन मे आत्मीय स्वागत है ।