आबू रोड:मनमोहिनीवन परिसर – नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन एवं वर्कशॉप

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कलाकार कैनवास पर उकेर रहे मन के भाव
– चार दिवसीय नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन एवं वर्कशॉप शुरू
– देशभर से पहुंचे जाने-माने कलाकार, पेंटिंग्स में दिखा रहे अपना हुनर
– मेडिटेशन से सीख रहे एकाग्रता बढ़ाने के टिप्स


आबू रोड,राजस्थान।
 ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मनमोहिनीवन परिसर में गुरुवार से आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत नेशनल पेंटिंग कॉम्पटीशन एवं वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया। इसमें देशभर से जाने-माने कलाकार भाग लेने पहुंचे हैं। त्रिलोक भवन के पास पार्क में कलाकार पेंटिंग के माध्यम से अपने मन के भावों को उकेर रहे हैं। वर्कशॉप का समापन 1 अक्टूबर को किया जाएगा। समापन पर ज्यूरी के द्वारा तय की गई बेस्ट पेंटिंग बनाने वाले कलाकार को पुरस्कृत किया जाएगा।  
इसके पूर्व ग्लोबल ऑडिटोरियम में कॉम्पटीशन का उद्घाटन किया गया। जिसमें संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि इस कॉम्पटीशन का मकसद है कि आजादी के अमृत महोत्सव औैर भारत की गौरवशाली परंपरा, इतिहास और संस्कृति से आमजन को रुबरु कराना।

चार टॉपिक पर बना रहे पेंटिंग और पोर्टे्रट-
मनमोहिनीवन में चल रहे पेंटिंग कॉम्पटीशन में कलाकार ब्रह्माकुमारीज के लीडर्स, इनमें संस्थान के संस्थापक ब्रह्मा बाबा, पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी, राजयोगिनी दादी जानकी, राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि और वर्तमान मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी की पोर्टे्रट, स्वर्णिम भारत, भारत की सांस्कृतिक विरासत और स्प्रीचुअल इंडिया चार विषयों पर सभी कलाकार अपनी-अपनी कलाकृति को आकार दे रहे हैं। इन चारों विधाओं में से प्रत्येक विधा के तीन सिलेक्टेड प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के कलाकारों को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी कलाकारों का भी सम्मान किया जाएगा।

सभी कलाकार सीख रहे मेडिटेशन-
वर्कशॉप में सुबह सभी कलाकारों को राजयोग मेडिटेशन सिखाया जा रहा है, ताकि वह अपनी कला में और निखार ला सकें। इसमें मेडिटेशन टेक्नीक, टाइम मैनेजमेंट, स्लीप मैनेजमेंट, स्ट्रैस मैनेजमेंट, पावर ऑफ योगा, माइंड मैनेजमेंट के टिप्स संस्थान के वरिष्ठ राजयोगी बीके स्पीकर्स द्वारा दिए जा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके शिविका ने किया।

कलाकारों जो भाग लेने पहुंचे-
1. हरियाणा के कुरुक्षेत्र से आए कलाकार राहुल वर्मा ने बताया कि मैं पिछले चार साल से देश के अलग-अलग स्थानों पर पेंटिंग कॉम्पटीशन में भाग ले रहा हूं। पेंटिंग मेरी हॉबी है। मेरा प्रोफेशन आईटी का है। मुझे बचपन से ही पेंटिंग बनाने का शौक है। राहुल राजयोगिनी दादी गुलजार की पेंटिंग बना रहे हैं, जो शुक्रवार शाम तक पूरी हो जाएगी।
2. मुंबई से आईं रिटायर्ड प्रोफेसर 64 वर्षीय अंजली गवली ने बताया कि मेरा बचपन से ही पेंटिंग पैशन और जुनून रहा है। इसलिए मैंने कॉलेज में भी पेंटिंग विषय पढ़ाया। गवली आजादी के अमृत महोत्सव की झलकियां दिखाते हुए आत्मा के सातों चक्र और ब्रह्मा बाबा की पेंटिंग को आकार दे रहीं हैं।
3. छग से आईं आर्ट टीचर प्रतिभा महाराणा ने बताया कि मेरी खुद की आर्ट गैलरी है। हाल ही में सरकार ने उन्हें बेस्ट आर्ट टीचर के सम्मान से सम्मानित किया है। साथ ही यूपी सरकार की ओर से कला रत्न अवार्ड सहित अब तक 90 से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुकी हैं। टीचर महाराणा पेंटिंग में शिवलिंग, शंकर जी और योगी की आकृति को आकार दे रही हैं। जिसका उद्देश्य है कि आध्यात्म में तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं-साधना, आत्मचिंतन और ध्यान। इन तीनों बातों को उन्होंने शामिल किया है।

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