छतरपुर: आओ बुराइयों पर जीत पाएं, सच्ची विजयादशमी मनाएं

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अपने अंदर के रावण को जलाने से ही रामराज्य की स्थापना हो सकती है – बीके शैलजा

छतरपुर, मध्य प्रदेश। रावण को हम हर वर्ष जलाते हैं लेकिन फिर भी वह दिन प्रतिदिन  बड़ा ही होता जाता है अभी 125 फुट का बनाएंगे दूसरे साल 130 फुट का बनाते हैं उसको बढ़ाते ही जाते हैं। जलता है फिर जीवित हो जाता है आखिर यह कौन सा रावण हैॽ़ जो जलाने के बाद भी खत्म नहीं होता है यह कोई दस शीश वाला रावण नहीं बल्कि हर मानव के अंदर व्याप्त 10 विकारों का प्रतीक है काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, नफरत, बैर जो दिन प्रतिदिन हमारे अंदर बढ़ते ही जा रहे हैं। अब जरूरत है अपने अंदर के रावण को जलाने की। जिस दिन यह रावण जल कर समाप्त हो गया उसी दिन सच्ची विजयादशमी हो जाएगी और रामराज्य आ जाएगा।उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर पावनधाम द्वारा लगाई जा रही देवियों की चैतन्य झांकी के समापन में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी द्वारा व्यक्त किए गए। साथ ही शैलजा बहन जी ने देवियों के अष्टभुजा का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा कि यह अष्ट शक्तियां हैं जो परमात्मा शिव से इन शक्तियों ने प्राप्त की हैं।
नवदुर्गा की नौवें दिन देवियों की झांकी में महिषासुर मर्दिनी अष्ट भुजाधारी आदिशक्ति दुर्गा एवं महालक्ष्मी, सरस्वती मैया के दर्शन कराए गए। इस कार्यक्रम में बीएसएनल टीडीएम एसडी प्रजापति, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह, वरिष्ठ व्यापारी एवं समाजसेवी अखिलेश मातेले, राजेंद्र नीखरा, जयदीप ब्रजपुरिया, डॉ सुनील चौरसिया, डॉ रचना चौरसिया, छतरपुर बाल संप्रेषण गृह अधीक्षक सरोज छारी उपस्थित रहीं।
इस कार्यक्रम सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि डॉक्टर से लेकर समाजसेवी, व्यापारियों ने भी डांडिया गरबा नृत्य में भाग लिया और मां के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त किया। बाल कलाकारों के द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन एवं ब्रम्हाकुमारी बहनों ने सभी देवियों के आध्यात्मिक रहस्य के बारे में श्रद्धालुओं को अवगत कराया।          रात्रि 10:00 बजे तक भी भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा।  कार्यक्रम के पश्चात सभी भक्तों गणों को हलवा,पूरी,चने का भोग स्वीकार कराया गया।

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