माउंट आबू : ज्ञान सरोवर में दिवाली कार्यक्रम

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मन को ज्ञान से रोशन करने का उत्सव है दिवाली
ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर में दिवाली कार्यक्रम


माउंट आबू, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संगठन की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती बहन ने कहा कि दीपावली उत्सव मन के अंधकार को समाप्त कर ज्ञान से रोशन करने का उत्सव है। अज्ञानता के तिमिर से ही जीवन में समस्याओं का आगमन होता है। जीवन को निरंतर प्रकाशवान बनाए रखने के लिए सत्य ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए। मन को प्रदूषित करने वाले विचारों से मुक्ति के लिए परमात्मा का ज्ञान अंगीकृत करने की जरूरत है। सदाचारी, त्यागी, तपस्वी व निरंहकारी व्यक्ति ही समाज के समक्ष ऊंच आदर्शों की प्रतिमूर्ति बनता है। यह उद्गार उन्होंने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में दिवाली के उपलक्ष्य में आयोजित को कार्यक्रम में व्यक्त किए।
संगठन की अतिरिक्त महासचिव बृजमोहन आनंद ने कहा कि भारत की धर्मपरायण जनता का त्यौहारों में अटूट विश्वास होने से समस्त विश्व में देश की महिमा अनुपम है। आत्मज्योति जगाने से मानव के मन में छाया अज्ञान अंधकार दूर होगा। सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका, ज्ञान सरोवर निदेशिका डॉ. निर्मला ने कहा कि अंतर्मन में सदविचारों का उदगम होने से मानसिक शक्ति का विकास व मन की प्रफुल्लता बढ़ती है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके शशि बहन ने कहा कि अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका दीपावली पर्व विश्व समुदाय में आंतरिक प्रकाश फैलाने का अदभुत कार्य कर रहा है। सकारात्मक सोच में नए जीवन, नए समाज व नए विश्व की रचना करने की अदभुत शक्ति है।
शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय ने कहा कि त्यौहार भारत की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता के समन्वय सेतु व नैतिक मूल्यों की सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं। सकारात्मक संकल्पों व राजयोग से सात्विक भावनाओं की आत्मज्योति प्रज्जवलित होती है।
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके लक्ष्मी बहन, ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा, शांतिवन प्रबंधक बीके भूपाल भाई, चिकित्सा सेवा प्रभाग के डॉ. बनारसी लाल साह, विज्ञान व तकनीकी प्रभाग प्रमुख मोहन सिंहल, सुरक्षा सेवा प्रभाग अध्यक्ष अशोक गाबा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर विभिन्न देशों से आए राजयोगी श्रद्धालूओं ने भारतीय प्राचीन संस्कृति के अनुरुप विभिन्न देवी-देवताओं की महिमा पर आधारित गीतों की प्रस्तुति देते हुए नृत्य कर बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।

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