-बी के ऊषा दीदी जी का श्रीमद् भगवद् गीता पर व्याख्यान
बहादुरगढ़,हरियाणा: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता राजयोगिनी बी के ऊषा दीदी का श्रीमद् भगवद् गीता पर व्याख्यान ब्रह्माकुमारी बहादुरगढ़ द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। ब्रह्माकुमारीज बहादुरगढ़ द्वारा श्रीमद् भगवद् गीता का व्यावहारिक स्वरूप सकारात्मक जीवन शैली एवं राजयोग परमात्म अनुभूति शिविर विषय पर त्रिदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें माउंट आबू से पधारी विश्व विख्यात वक्ता राजयोगिनी उषा दीदी जी का श्रीमद् भागवत गीता के महत्व पर व्याख्यान हुआ। पहले दिन के व्याख्यान में उक्त उद्गार व्यक्त किए अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बी के ऊषा दीदी जी ने ,अर्जुन का विषाद योग:– वर्तमान समय में भटका हुआ मन विषय पर, उन्होंने कहा की श्रीमद् भगवद् गीता को मानवता का शास्त्र कहा जाता है। उसमें जीवन जीने की कला है। उसको माता की उपमा भी दी जाती है। वह मां बनकर हमको अमृत पान कराती है। जिससे आज के भटके हुए मनुष्य के अंदर दिव्य संस्कार पनपते जाते हैं। हर एक मनुष्य की मनोस्थिति , पारिवारिक , राष्ट्रीय, वैश्विक स्थिति का समाधान गीता में मिलता है। संघर्ष करते-करते जब मनुष्य बैठ जाता है तब वह भगवान को कहता है कि यह युद्ध कब तक। अब मैं युद्ध करना नहीं चाहता ।
त्रिदिवसीय व्याख्यान को दीप प्रज्वलित कर मंगल उद्घाटन किया गया। बहादुरगढ़ क्षेत्र की संचालिका आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंजलि दीदी जी ने सभी का शब्दों से स्वागत किया । ब्रह्माकुमारी विनीता, ब्रह्माकुमारी रेनू, ब्रह्माकुमारी अमृता ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की । ब्रह्माकुमारीज बहादुरगढ़ के साथ-साथ धार्मिक ,राजकीय ,सामाजिक मेडिकल ,व्यापार ,उद्योग ,न्याय ,शिक्षा अधिकारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से 60 जितने गणमान्य विशिष्ट महानुभावों ने दीप प्रज्वलन में अपना साथ दिया। 2000 आत्माओं ने इस व्याख्यान का रसपान किया। इस कार्यक्रम में राजयोगिनी बी के ऊषा दीदी ने कहा की कुछ व्यक्ति संघर्ष में जीवन नष्ट कर रहे हैं । चाहना है कि जीवन के युद्ध मैं विजई हो जाऊं ,पर मार्ग नहीं मिल रहा। श्रीमद् भागवत गीता हमें जीवन के युद्ध में विजय का मार्ग दिखाती है। महाभारत के युद्ध का समय सतयुग ,त्रेता या द्वापर युग नहीं है बल्कि युद्ध का समय अभी है।
दीदी ने आगे बताया कि मोबाइल आज का शकुनी है। हर कॉल के बाद रम्मी ,जुआ देखने के लिए मोबाइल में मैसेज आता है । दीदी ने बताया कि युद्ध जैसी स्थिति में विजय कैसे होना है वह श्रीमद् भागवत गीता सिखाती है। आज कौन युद्ध नहीं कर रहा है। सभी किसी ने किसी रूप में युद्ध कर रहे हैं। इसमें वर्णित ज्ञान सभी धर्म पर लागू होता है। गणेश अर्थात बुद्धि का देवता ।कलयुग में देने की भावना कम हो गई है । श्रीमद् भागवत गीता हमें देने की भावना सिखाती है। उषा दीदी ने आगे बताया कि बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख। भगवान से मांगना नहीं है बल्कि ऐसे श्रेष्ठ कर्म करने हैं जिससे भगवान के सारे खजाने मुझे प्राप्त हो जाए। क्योंकि हम भगवान के बच्चे हैं। भगवान के खजाने पर बच्चों का अधिकार होता है । आत्मा के सात गुणों से बैटरी चार्ज होती है। 7 गुण आत्मा की बैटरी है । जो डिस्चार्ज हो गई है । उसको चार्ज कैसे करें ? उन्होंने बताया काम ,क्रोध , लोभ,मोह, अहंकार ,ईर्ष्या ,द्वेष छल यह परधर्म है जिससे बैटरी डिस्चार्ज होती है । आपको प्यार चाहिए तो निस्वार्थ प्यार देना शुरू करो। आज आप जो देखेंगे वही आपको मिलेगा। लोग भगवान से भक्ति करते हैं उसमें भी शर्तें लगा देते हैं कि भगवान आप मेरे कार्य करो तो मैं आपको इतना दूंगा। मतलब यदि वह कार्य नहीं हुआ तो वह भी विश्वास डगमगा जाता है। दीदी ने बताया की नम्रता की शक्ति से अहंकार पिघल जाता है। आजकल लोग सोचते हैं कि क्रोध नहीं करेंगे तो काम नहीं होंगे और शांत रहने वालों का कोई कार्य नहीं होता । परंतु क्रोध एक कमजोरी है और शांति में रहने से आत्मिक शक्ति आती है । जिसके आधार पर हर कार्य हो जाते हैं। कार्यक्रम की आयोजक
ब्रह्माकुमारी बहादुरगढ़ की मुख्य प्रभारी बी के अंजलि दीदी जी ने कहा कि बहादुरगढ़ वासीयो को धार्मिक परिपक्वता की मिसाल कायम करनी चाहिए। छोटी-छोटी सुनी सुनाई बातों में आकर धार्मिक वैमनस्यता ना पाले। बहादुरगढ़ शहर को धार्मिक सौहाद्रता का शहर बनाने में धर्म एवं मीडिया को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बहादुरगढ़ वासियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन में बहादुरगढ़ नगर परिषद की चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठी, वाइस चेयरपर्सन पंडित पाले राम शर्मा जी , पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद श्री कर्मवीर राठी जी, पूर्व विधायक श्री नरेश कौशिक जी आदि ने बहादुरगढ़ की तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट करके दीदी के प्रति सम्मान व्यक्त किया । इस अवसर पर शहर की जानी-मानी हस्तियां द्वारा प्रमुख इंडस्ट्रियलिस्ट द्वारा दीदी जी का सम्मान किया गया । इस अवसर पर कुमारी विदेही,कुमारी स्मृति ,कुमारी पलक ,कुमारी कशिश, कुमारी नव्या ,कुमारी जानवी ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बहादुरगढ़ के हजारों की संख्या में लोगों ने कार्यक्रम का लाभ लिया। ब्रह्माकुमार डॉक्टर सुरेंद्र भाई जी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन बी के संदीप भाई ने किया।