ग्वालियर: दीपराज परमात्मा की याद से मन का अंधेरा करें दूर – ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी

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छोटी दीपावली के दिन ब्रह्माकुमारीज़ माधौगंज केंद्र में हुआ कार्यक्रम ।

ग्वालियर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रभु उपहार भवन माधौगंज में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, ब्र.कु. ज्योति दीदी, ब्र.कु. प्रहलाद उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के शुभारंभ में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने सभी को 5 दिवसीय दीपावली के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमारे भारतीय त्योहारों में बहुत सी रस्में होती हैं। यह रस्में एक दिन के लिए नहीं बल्कि हमारे अंदर अच्छे संस्कार निर्मित करने के लिए बनाई गई हैं। सभी रस्मों के आध्यात्मिक अर्थ को जान व समझकर यदि हम पर्व मनाएं तब ही पर्व मनाने की सार्थकता होगी। हम दिवाली में घर के चारों कोनों की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने तन-मन-धन व संबंधों की ओर ध्यान नहीं देते। तन की शुद्धि के लिए स्नान व सात्विक भोजन, मन के लिए सकारात्मक विचार व मेडिटेशन, धन भी बुद्धि व मेहनत की कमाई हो। संबंधों में भी कटुता भाव को समाप्त कर मधुरता स्थापित करें।

दीदी जी ने आगे बताया कि परमात्मा भी ज्योति स्वरूप हैं और हम आत्माएं भी ज्योति स्वरूप हैं। इस कलयुग के अंत में आत्माओं की ज्योति बुझने को आ गई है अर्थात् अपने वास्तविक स्वरूप को भूल चुकी है और कमजोर हो चुकी है। वर्तमान संगमयुग पर परमात्मा दीपराज धरती पर आकर सर्व आत्माओं में शक्ति भरकर ज्योति जागृत करते हैं। और स्वर्णिम दुनिया की स्थापना करते हैं। कर्मों के बहीखाते में श्रेष्ठ कर्मों की जमापूंजी बढ़ाएं व पापकर्मों का बैलेन्स कम करें। स्थूल दीपक के साथ साथ आत्मा-दीप भी जगाएं और दीपावली मनाएं।

ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि दिया जलाना अर्थात दिया अपने नाम के अनुरूप हमें देते रहने का संदेश देता है। हम जिनसे भी मिलें उन्हें दिव्य गुण व शक्तियों का कुछ न कुछ दान देते रहें।

इसके साथ ही ब्र.कु. प्रहलाद भाई ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं |

इस अवसर पर दैवीय दुनिया की याद दिलाते हुए भगवान भगवती विश्व महाराजन विश्व महारानी श्री लक्ष्मी नारायण जी की बहुत ही सुंदर एक झांकी सजाई गई थी। जिसके सभी ने दर्शन किये।

कार्यक्रम में पधारे सभी श्रद्धालुओं को मुकुट व माला पहनाकर उनका सम्मान किया साथ ही दिव्यगुण धारण करने और बुराइयों को छोड़ने के लिए सभी को प्रेरित भी किया।

संस्थान से जुड़े बच्चों ने द्वारा सुंदर संस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं।

कार्यक्रम में सुरभि, रोशनी, सृष्टि, हर्षिता, प्रिया, मीरा, भगवती नंदन सिंह रौतेला, आर एस वर्मा, दिनेश, कविता अशोक पमनानी, दीपा जयकिशन, गायत्री परिहार, चंद्रकांता, मालती, ममता, मिथलेश अनिल तिवारी, सुरेंद्र, विजेंद्र, संजय, आरती, सहित अनेकानेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

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