सही शिक्षा, सही सोच और सही ज्ञान ही हमें ताकत दे सकता है: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़
– ब्रह्माकुमारीज के 85वें वार्षिकोत्सव में पहुंचे भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़- सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत की ओर विषय पर कार्यक्रम आयोजित
– उपराष्ट्रपति बोले- ब्रह्माकुमारीज ने जो विजन बनाया है मैं उसे सैल्यूट करता हूं, यहां आकर भारतीय दर्शन की सोच के दर्शन होते हैं
– राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
आबू रोड,राजस्थान । ब्रह्माकुमारीज संस्थान के 85वें वार्षिकोत्सव और दीपावली स्नेह मिलन समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्जवलन कर वार्षिकोत्सव का शुभारंभ किया।
सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व के कल्याण की बात कर रहा है। भारत विश्वगुरु था और फिर से एक दिन निश्चित रूप से विश्व गुरु बनेगा। जिसका हमने सपना देखा था वह जल्द ही साकार होगा। हमारी शैक्षणिक संस्थाओं ने दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया है। दुनिया के इतिहास में सच्चाई और शांति का संदेश देने वाला भारत के अलावा और कोई राष्ट्र नहीं है।
दुनिया के सबसे बड़े संकट में भी मूल्य नहीं खोए-
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संकट कोरोनाकाल में भी भारत ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों का ध्यान रखते हुए पूरी दुनिया की सेवा की। अर्थव्यवस्था में भारत ने छलांग लगाकर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बना। इसमें कोई संदेह नहीं कि हम जल्द ही एक दशक के अंदर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
18 करोड़ परिवारों को दिए मुक्त कनेक्शन-
उपराष्ट्रपति ने अपने सांसद के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 33 साल पहले एक सांसद के रूप में मुझे 50 गैस कनेक्शन मिले थे। वह मेरी ताकत थी। मैंने सोचा था कि कम से कम 50 घरों में हमारी मातृ शक्ति के आंसू पोंछ सकूंगा। आज हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए उज्जवला योजना से 18 करोड़ परिवारों को मुक्त गैस कनेक्शन दिए हैं।
युवाओं को आज रुपयों की कतई कमी नहीं-
आज के नवयुवकों के मन में विचार और बदलाव की आवश्यकता है उसे धन की तो कतई कमी नहीं है। इतिहास का अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा तो भारत के लोगों ने कभी गरीबी की बात नहीं की। उन्होंने दुनिया को मूल्यवान बनाने की बात की है।
ब्रह्माकुमारीज ने जो विजन बनाया है मैं उसे सैल्यूट करता हूं…
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यह दिन मुझे सदा याद रहेगा। जीवन की सच्चाई अंदर है। ब्रह्माकुमारीज में आकर भारतीय दर्शन की सोच के दर्शन होते हैं। दुनिया का कोई भी भू-भाग नहीं है जहां पर ब्रह्माकुमारीज की उपस्थिति न हो। यह उपस्थिति कोई भूगोल से जुड़ी नहीं बल्कि आध्यात्म की उपस्थिति है। यहां जो राजयोग की बात कही गई वह अमिट है और आज विश्व की आवश्यकता है। कम शब्दों में यहां जो बताया वह गीता का सार है।
हमारी नई शिक्षा नीति संस्कृति पर आधारित
उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का गहन अध्ययन किया है और मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि इस नीति ने हमारी संस्कृति, विचारों और विरासत को पटल पर रखकर इसका निर्माण किया है। देश नई दिशा में जाएगा क्योंकि शिक्षा मूल है। धर्म हमारी धरोहर और पूंजी है। आध्यात्म, धर्म यूनिवर्सल है। जिसका प्रचार-प्रसार करने का कार्य ब्रह्माकुमारीज कर रही है। ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका व लंदन के सेवाकेंद्रों की निदेशिका बीके जयंती ने कहा कि भारत की संस्कृति और त्योहार आज विश्वव्यापी हो गए हंै। राजयोग दुनिया के लिए भारत की सौगात है। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि राजस्थान के श्रममंत्री सुखराम विश्रोई भी उपस्थित थे।
संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई, संस्थान कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई, मीडिया निदेशक बीके करुणा, ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्थान का उद्देश्य लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।
उदयपुर से विशेष हैलीकॉप्टर से पहुंचे आबू रोड-
उपराष्ट्रपति धनखड़ विशेष हेलीकॉप्टर से उदयपुर एयरपोर्ट से आबू रोड के मानपुर हवाई पट्टी पहुंचे। जहां से लाव-लश्वर के साथ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन पहुंचे। जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।
ये भी रहे मौजूद-
इस मौके पर विधायक जगसीराम कोली, कमिश्नर, जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी ममता गुप्ता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
झलकियां-
– संस्थान की ओर से बीके मुन्नी दीदी, बीके मृत्युंजय ने उपराष्ट्रपति का शॉल, मुकुट, माला पहनाकर और स्मृति चिंह्न भेंटकर स्वागत किया।
– शांतिवन सहित आबू रोड के चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात रहे।
– मप्र, इंदौर से आईं दिव्य जीवन कन्या छात्रावास की कुमारियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।
– मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई।
– केक काटकर दीपावली की खुशियां मनाईं गईं।
– कुमारियों ने श्रीलक्ष्मीजी की झांकी को दर्शाते हुए नृत्य की प्रस्तुति दी।