लखनऊ,उत्तर प्रदेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की त्रिपाठी नगर, खुर्शीद बाग, लखनऊ स्थित शाखा द्वारा राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी किशनी दादी जी की सोलवीं पुण्यतिथि तथा उनकी लखनऊ में 70 वर्ष (साकार 54 वर्ष + अव्यक्त 16वर्ष) की सामाजिक सेवाओं को याद किया गया। इस अवसर पर विश्व कल्याणी भवन के सभागार में श्रद्धांजलि तथा संकल्प सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय से साइंटिस्ट तथा इंजीनियरिंग विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भ्राता मोहन सिंघल जी मुख्य अतिथि के रुप में पधारे थे। साथ ही गोमती नगर से उषा दीदी, अनिल भाई तथा अमेरिका से पीयूष सिंघल ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों ने किशनी दादी जी की पालना तथा ईश्वरी सेवाओं के संस्मरण सुनाएं।
सभी ने बताया कि किस प्रकार दादी जी निर्मल, निश्चल और सरल हृदय थे। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों की आत्म उन्नति के लिए लखनऊ में साकार में 54 वर्ष सेवाएं किया। उन्होंने अंधों, बेसहारा बच्चों, किसानों, अधिकारियों, वैज्ञानिकों तथा डॉक्टर सहित समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए और जीवन पर्यंत त्याग, तपस्या और सेवा की मिसाल बनकर अपना संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा में अर्पित कर दिया। वह बाल ब्रह्मचारिणी थी, परमात्मा के निकटता का उनको अनुभव था। वह अपने निश्चय और ईश्वर पर विश्वास के कारण जो बात बोलती थी वह लोगों के दिल को छू जाती थी। सभी को पारिवारिक प्रेम, ममता और वात्सल्य देने वाली दादी जी को सबसे अधिक ब्रह्माकुमारी इंदिरा दीदी ने याद किया। क्योंकि किशनी दादी जी ने इंदिरा दीदी की पालना 6 वर्ष की आयु से किया था।
सभी ने दादी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा संकल्प किया की दादी जी के बताए हुए रास्ते पर चलकर हम अपने आचरण से सबको सुख देंगे, स्नेह देंगे और सुखमय समाज का निर्माण करेंगे।
क्योंकि किसने गांधी जी का किसानों के साथ बहुत स्नेह था और उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों तथा किसानों की जीवन पर्यंत बहुत सेवा की इसीलिए इस अवसर पर एक बहुत सुंदर रंगोली भी सजाई गई थी जिसमें स्वर्णिम भारत बनाने का संकल्प दर्शाया गया था। कृषि एवं ग्राम विकास विभाग के सदस्यों द्वारा रंगोली पर दीप प्रज्वलित कर योगिक कृषि के द्वारा स्वर्णिम भारत बनाने का संकल्प भी लिया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के वरिष्ठ भ्राता बद्री विशाल तिवारी जी ने किया। कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी को प्रसाद और ब्रह्मा भोजन का वितरण किया गया।