सिमरा (नेपाल ): सकारात्मक चिंतन द्वारा तनाव मुक्त जीवन संभव-भगवान भाई

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सिमरा  (नेपाल ): बदलने से विपरीत परिस्थिति भी सहज दिखने लगती है। अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है। समस्याओं का कारण ढूढने  की बजाए निवारण ढूंढे। उक्त उदगार माउंट आबू के बी के भगवान् भाई ने कहे वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र में में सकारात्मक चिंतन द्वारा स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन पर कार्यक्रम में बोल रहे थे |

उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता है।यदि हमारे विचार सकारात्म है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिएहमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए। राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है। उन्होंने सत्संग एवंआध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक सोच के लिए कहा कि हम अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। सत्संग के द्वारा प्राप्त ज्ञान और शक्तियां ही हमारी असली पूंजी हैं। उन्होंने  ने कहा कि राजयोग के निरंतर अभ्यास के द्वारा हम अपने कर्म इद्रियों को संयमित कर अपने आंतरिकसद्गुणों का विकास कर सकते है।

डॉ शोम्भाकर पराजुली सविधान (असेंबली) मेम्बर जी  ने बताया कि निरन्तर तनावग्रस्त बने रहना जीवन में हानिकारक है। चूँकि जीवन-उद्देश्य आपके सामने हैतनावग्रस्त से दूर रहना ही आपके लिए श्रेष्ठतर होगा। अतः आप तनाव के बहुत से कारकों से बचेंजो आप आसानी से कर सकते हैं और साथ में ये भी। उन्होंने ज्ञान को अनुसरण करने की बात कही

बी के रवीना बहन ने कहा कि मन बुद्धि के द्वारा चांद सूर्य से पार रहने वाली परम शक्ति को मन बुद्धि से याद कर उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है

समाज सेवी मदन-बहादुर क्षेत्री जी ने भी अपना उद्बोधन दियाबी के मधु  बहन जी ने ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय दिया

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