सेलम (तमिलनाडु) : समाज की सेवा करने के लिए समर्पित भाव चाहिए पेशेंट को दया भाव , मात्रत्व भाव ,सेवा भाव से उनकी सेवा करनी है उन्होंने बताया की हमे इमानदार बन समाज की सेवा करनी है धन के लालच में आकर अपने मानवता को नही छोडना है| सच्ची सेवा से हमे दुवाये मिलती है दुवाये ही सच्ची सम्पति है | उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से आये हुए बी के भगवान भाई नेकहा वे आरविंद आँखों (EYE) हास्पिटल कि नर्सिंग स्टाफ नर्सिंग ट्रेनिंग को सकारात्मक विचारो से नैतिक मूल्य विषय पर बोल रहे थे |
उन्होंने बताया कि इस नर्सिंग ट्रेनिंग के सथा ईमानदारी भाईचारा दया करुणा मातृत्व भाव सहनशीलता आदि सद्गुणों को भी सीखकर जाना है | वर्तमान में समाज सेवा हेतु सकारात्मक विचार की आवश्यकता है सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है सकारात्मक सोच द्वारा विपरित परिस्थिति में हलचल से बच सकते है निराशा में भी आशा की किरण दिखने लगती है। अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है।
भगवान भाई जी ने कहा कि समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढंूढ़े।उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। उन्होंने होते हुए भी मन में हलचल न हो | उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिए हमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए।
मेडिकल ओफ्फिसर —मनोहर बाबु बालसुन्द्रम जी ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसी भाई चारा बना रहता है। जिससे हम समाज कि अच्छी सेवा कर सकते है जिससे दुवाए मिलती है |
बी के महेश्वरी बहन ने ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय दिया और कहा की सत्संग एवं आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा सकारात्मक सोच को अपनाने की उमीद रखी उन्होंने कहा की सकारात्मक विचरो से अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। अंत में कुछ सहभागियोने अपना अनुभव सुनाया|