मैनपूरी (उत्तर प्रदेश) : दुआओं का व्यापार सबसे बड़ा व्यापार है, इसमें घाटे की कोई संभावना नही। धन जीवन के लिए है लेकिन जीवन धन के लिए नही। अतः धन कमाने के साथ दुआएं भी अवश्य कमाएं, क्योंकि ये दुआएं ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्होंने आगे समझाया कि दुआएं कमाने का सरल तरीका है हाँ जी का पाठ पक्का करना और सबको सम्मान देना। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारी से पधारे हुए माउंट आबू के बी के भगवान भाई ने कहे वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र में स्वर्णिम भारत हेतु व्यापारी ,उद्योग और इंस्ट्रीज वर्गों का योगदान के लिए सेमीनार में बोल रहे थे
उन्होंने बताया कि नकारात्मकता आज की डिजिटल युग में डिजिटल उपकरणों के अनावश्यक उपयोग से हम स्वयं को नकारात्मकता के अधीन करते जा रहे हैं। जहां नकारात्मकता है वहां तनाव है।
डॉ सुमंत गुप्ता वैश्य एकता परिषद् राष्ट्रिय अध्यक्ष जी ने कहा ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय समाज मे ज्ञान के प्रचार प्रसार और समाज की उन्नाति के लिए विभिन्ना कार्यक्रमों के माध्यम से जागृति लाने का प्रयास कर रहा है हमे इसे गहराई से संमझने की आवश्यकता है। उन्होंने भी दुआओं की जीवन में आवश्यकता को स्पष्ट किया
बी के अवन्तिका बहनजी ने कहा कि आज समाज के हर क्षेत्र में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। भले ही कोई धन और साधनों से संपन्न है। परंतु चरित्र रूपी धन उसके पास नहीं है।तन के साथ-साथ मन पर भी ध्यान देना उतना ही आवश्यक है। ऐसा करने से हम स्वयं को बहुत हद तक तनावमुक्त रख सकते हैं।
डॉ राजेन्द्र प्रसाद यादव जी ने कहा कि लोग आमदनी के पीछे दिन-रात भाग रहे हैं, यह भागमभाग उन्हें तनावग्रस्त करती जा रही है। धन कमाते हुए ध्यान रहे कि धन हमारे लिए है, हम धन के लिए नहीं।
बी के बबलेश भाई जी ने ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय दिया |