राजिम-नवापारा: ओम शांति भवन में पंडित व शास्त्रियों का स्नेह मिलन कार्यक्रम

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राजिम,छत्तीसगढ़: त्रिवेणी संगम के तट पर महाशिवरात्रि के उपलक्ष में आयोजित संत समागम के शुभारंभ के अवसर पर ब्रम्हाकुमारी नवापारा सेवा केंद्र पर शास्त्रियों एवं पंडितों का स्नेह मिलन समारोह किया गया जिसमें राजीव लोचन मंदिर से पधारे पंडित संतोष शर्मा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि वर्तमान समय की दशा और दिशा को सुधारने का ज्ञान ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा दिया जा रहा है । संसार की स्थिति का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय संसार के सभी लोग प्रदर्शन की ओर जा रहे हैं। मुख्य वक्ता ब्रह्मदत्त शास्त्री जी ने कहा कि मैं कुछ नहीं हूं ,मैं कुछ नहीं जानता हूं ।इस अभिमान का त्याग ही सच्चा ज्ञान है। अज्ञान अंधेरे में सो जाना ही अज्ञान है। मुझे मेरे मालिक तूने सब कुछ दिया है। तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया है। इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग के संयोजक ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने परमपिता परमात्मा शिव का परिचय देते हुए कहा कि यह भारत पहले स्वर्ग था जिसे पुण स्वर्ग बनाने के लिए इस सृष्टि पर परमपिता परमात्मा शिव अवतरित हुए हैं। परमात्मा शिव की महाशिवरात्रि रात्रि शब्द प्रकट करता है कि मनुष्य घोर अंधकार में सोए हुए हैं । अब परमात्मा अज्ञान नींद से जगा कर हमें ज्ञान उजाले की ओर नईदुनिया सतयुग की ओर ले जाने का महान कार्य वर्तमान समय भारत भूमि पर कर रहे हैं। यह महा परिवर्तन का समय चल रहा है। सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी पुष्पा बहन ने अपनी शुभ भावनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि शिवबाबा 5000 वर्षों के बाद आते हैं और कहते हैं कि यह अंतिम समय है इसलिए घर चलने की तैयारी करो ।परमात्मा के अवतरण का ही यह महाशिवरात्रि यादगार के रूप में मनाई जाती है।  राजीव लोचन मंदिर के वरिष्ठ पुजारी कन्यालाल शर्मा ने बताया कि हम सभी एक परमात्मा की संतान है परमात्मा को मात पिता कहा जाता है और उनकी हम सब आत्माएं संतान है यह ज्ञान अगर सभी के अंदर आ जाए तो धरा पर वसुदेव कुटुंबकम की भावना चरितार्थ हो सकती है ।कार्यक्रम के अंत में सभी ने शिव का ध्वज लहराया और ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने सभी को शिव का ध्वज देकर प्रतिज्ञा कराई कि हम सब एक शिव परमात्मा की संतान है और हम आत्माएं भाई भाई है और यह संकल्प करते हैं कि हम सदा भाईचारे को कायम रखेंगे वसुदेव कुटुंबकम की भावना को सार्थक करेंगे। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी प्रिया बहन ने मेडिटेशन करा करके कराया।

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