महिला दिवस के साथ साथ होली मिलन समारोह भी हुआ संपन्न जिसमें शहर की सैकड़ों महिलाओं ने लिया भाग
खजुराहो मध्य प्रदेश: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में जैन समाज की महिलाओं के बीच जैन मंदिर में कार्यक्रम किया गया जिसमें शहर की सैकड़ों जैन महिलाओं के अलावा अन्य महिलाओं ने भी कार्यक्रम का लाभ लिया कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ परमात्मा का आवाहन करके किया गया जिसमें शहर की सद्भावना महिला मंडल की सभी महिलाएं सम्मिलित रहीं।
तत्पश्चात ब्रम्हाकुमारी नीरजा दीदी ने विद्यालय का परिचय देते हुए बताया कि यह एक अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक शैक्षणिक संस्थान है । जिसके माध्यम से एक मूल्य निष्ट समाज की स्थापना का कार्य किया जा रहा है हम सभी भी अपने जीवन को मूल्यों से भरपूर करने के लिए इस विद्यालय से अवश्य जुड़ें एवं जीवन जीने की कला सीखें। राजयोग मेडिटेशन जो स्वयं परमात्मा निराकर शिव बाबा हम सभी को सिखा रहें हैं ,उसका भी हम सभी लोग अवश्य लाभ ले तथा कुछ समय अपनी उन्नति के लिए अवश्य निकालें। तत्पश्चात महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नृत्य के माध्यम से बताया गया की महिला कोमल है कमजोर नहीं…… खजुराहो सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या बहन जी ने सभी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा की आज के समय में हम समाज को दोषी न बनाएं बल्कि यह जिम्मेवारी हम सब की है हम सबने ही इस समाज को ऐसा बनाया है अतः हमें ही समाज को परिवर्तन भी करना होगा। हमने परिवर्तन तो किया है लेकिन नकारात्मक जहां पहले के जमाने में घर के बाहर इंसान को (पहरेदार) रखते थे कि घर में कुत्ता ना घुस जाए, वही आज घर के बाहर कुत्ते को रखते हैं कि कहीं इंसान घर में ना घुस जाएं ऐसे नकारात्मक परिवर्तन से हमारे जीवन की कोई उन्नति नहीं अतः हमें अपनी उन्नति के लिए सकारात्मक परिवर्तन की ओर अग्रसर होना है महिलाओं के अंदर बहुत सारी शक्ति है, भगवान ने सबसे ज्यादा शक्तिशाली, सहनशील महिला को बनाया है परंतु महिला अपनी शक्ति को पहचानती नहीं जब वह अपनी शक्ति को जान जाएगी, पहचान जाएगी तो महिला से आगे शायद ही कोई निकल पाएगा ।इसलिए कहते हैं महिला इस समाज की धूरी है महिला जो चाहे कर सकती है यह दुनिया अगर गुलशन है, तो नारी उसका माली है ,वह झुक जाए तो सीता है, और उड़ जाए तो चंडी काली है।* नारी हमेशा ही सम्मान का पात्र रही है जहां पर नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं इसीलिए कहते *यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता*
वैसे भी देखा जाए तो *नारी नर से दो मात्रा में भारी तुम पर बड़ी जिम्मेवारी हर घर घर को स्वर्ग बनाना हर आंगन को फुलवारी* अंत में सद्भावना महिला मंडल के ग्रुप में नित्य करके महिला दिवस को मनोरंजन के साथ मनाया।साथ ही होली मिलन समारोह भी मनाया गया जिसमें सभी को होली का आध्यात्मिक रहस्य बताया गया एवं एक दूसरे को रंग लगाकर ,गुलाल लगाकर होली भी खेली गई।
अंत में सभी को प्रसाद ,पत्रिका एवं स्लोगन कार्ड से सम्मानित किया गया।
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