अम्बिकापुर : राजयोगिनी आदरणीय ब्रह्मकुमारी हृदयामोहिनी दादी (गुलजार जी ) की द्वितीय पुण्यस्मृति दिवस ‘‘दिव्यता दिवस’’ के रूप में नव विश्व भवन में मनाया गया

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अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़: ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी आदरणीय ब्रह्मकुमारी हृदयामोहिनी दादी (गुलजार जी ) की द्वितीय पुण्यस्मृति दिवस ‘‘दिव्यता दिवस’’ के रूप में नव विश्व भवन चोपड़ापारा, अम्बिकापुर में मनाया गया।
       इस मौके पर सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी, दादी गुलजार जी की दिव्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि दादी गुलजार जी का बचपन का नाम शोभा था। वो महज 9 वर्ष की आयु में ही ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के सम्पर्क में आयीं। दादी जी उनके व्यक्तित्व में एक ऐसा चुम्बकीय आकर्षण था, जो भी उनके संग में आते थे, वो कोई न कोई गुण दादी जी से अवश्य धारण करके जाते थे। दादी जी विनम्रता और सहनशीलता की प्रतिमूर्ति थी, वो सदा इतनी हल्की रहती थी कि उनके पास आने वाले हर कोई खुशी और हल्केपन की अनुभूति करते थे। दादी जी का बाल्यकाल से ही बहुत अद्भुत और विशेष पार्ट था। वो बहुत कम बोलती थी और शांत रहती थी, जिसके कारण उन्हें सबसे पहले दिव्य दृष्टि का वरदान प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें सर्वप्रथम बैकुण्ठ अर्थात् स्वर्ग का साकात्कार हुआ, और वो उस अलौकिक दुनिया में खो गयी। इस तरह दादी जी बाल्यकाल से ही प्रभुचिंतन और प्रभु प्रेम में मगन रहती थी। आगे उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के संस्थापक, आदिदेव प्रजापिता ब्रह्मा ब्रह्मा बाबा सम्पूर्ण धरा पर ज्ञान का प्रकाश फैलाकर, अज्ञान अंधकार को दूर कर, 18 जनवरी 1969 को सम्पूर्णता को प्राप्त किया। तत्पश्चात् परमात्मा ने दादी गुलजार जी के अन्दर सम्पूर्ण विशेषताएं और कलाओं को देखकर अपना माध्यम बनाया और तब से उनके मुखारबिंद से दिव्य गीता ज्ञान उच्चारित कर संसार में व्याप्त अज्ञानता रूपी विकारों को समाप्त कर, मानव को देव बनाने का दिव्य कर्त्तव्य कर रहें है। आगे विद्या दीदी ने दादी गुलजार जी के साथ का अनुभव सांझा करते हुये कहा कि मुझे दादी गुलजार जी के तन के माध्यम से लगभग 100 से भी अधिक बार परमात्म मिलन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और मैंने दादी गुलजार जी के तन द्वारा भगवान को साकार रूप में चरित्र लीला करते हुये एवं सृष्टि परिवर्तन का दिव्य कार्य करते हुये देखा।
ऐसी महान विभूति, छोटा नंदी, आदि शक्ति दादी माँ जी के गुणों को अपने जीवन में धारण कर, उनके जैसा जल्दी- जल्दी दिव्यगुणों से सम्पन्न बन जायें, यही दादी माँ के लिये सच्ची- सच्ची भावभीनी श्रद्धांजलि होगी।
नगर निगप पार्षद माननीय भ्राता आलोक दुबे जी दिव्य शक्ति आदरणीय हृदयमोहिनी दादी जी के श्री चरणों में भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित करते हुये कहा कि दादी जी के पुण्यस्मृति पर आने का मुझे परम सौभाग्य और उनका सानिध्य प्राप्त करने का अवसर मिला। आगे बताया कि ये संस्था ऐसी दिव्य आत्माओं द्वारा संचालित की जा रही हैं, जिनके अन्दर ऐसी अद्भुत शक्ति हैं चाहे वो ब्रह्मा बाबा हो या दादी गुलजार जी हो, इनका जुड़ाव साक्षात् ईश्वर के साथ है, जो इस बात को प्रमाणित करता है कि आज भी दुनिया में ईश्वरीय और अध्यात्म की शक्ति है, जिससे मानव कल्याण का कार्य हो रहा है।
इस अवसर पर किसान कांग्रेस प्रदेश के उपाध्यक्ष बाबा शैलेष सिंहदेव जी, सरगुजा संभागीय उद्योग संघ महासचिव बी.एस. कटलरिया जी, सम्प्रेक्षण गृह की पूर्व अधीक्षिका बहन वन्दना दत्ता जी, वसुधा महिला संध की महिलायें, डॉ पुष्पा सोनी जी, दंत रोग विशेषज्ञ अम्बिकापुर डॉ अरविन्द जी, राजमोहिनी देवी कृषि विद्यालय के प्रोसेसर वी. के. सिंह जी ने महान हस्ती दादी गुलजार जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहर के गणमान्य लोगों सहित ब्रह्माकुमारी संस्था जुडे़ लगभग 500 भाई- बहनों ने दादी जी के विशेषताओं को धारण कर, उनके जैसा बनने का संकल्प करते हुये भावभीनी पुष्पाजंलि अर्पित किया।

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